प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मांग मान ली है। पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करते हुए किसानों से घर लौटने की अपील की है। कांग्रेस ने इसे विपक्ष और किसानों की जीत बताई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘तीन कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वापस लिए जाने का मैं उत्तरप्रदेश शासन की ओर से स्वागत करता हूं। हम सब जानते हैं कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे।’ अब इसी मुद्दे पर सीएम योगी का ‘आजतक’ के साथ एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे इंटरव्यू में श्वेता सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कृषि कानूनों और सरकार की समस्याओं को लेकर सवाल पूछती हैं। श्वेता सिंह ने सवाल किया था, ‘योगी जी, विपक्षी दल सोच रहे हैं कि किसानों आंदोलन से ही किसान जुड़ेंगे और सरकार घिर जाएगी। आपको लगता है कि किसान आंदोलन के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश आपके लिए बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है, जो जाट आपके साथ खड़े थे वो नहीं खड़े होंगे?’

योगी आदित्यनाथ ने इसके जवाब में कहा था, ‘हम जाति पर आधारित राजनीति नहीं करते हैं। परिवार मेरा है नहीं, इसलिए पश्चिमी यूपी का हर व्यक्ति इस बात को जानता है कि अगर बीजेपी है तो पश्चिम, पूर्व, मध्य और बुंदेलखंड में भी सुरक्षा है। आखिर इसी पश्चिम यूपी में दंगे होते थे। जो लोग किसान आंदोलन को जाति के साथ जोड़ रहे हैं। मुजफ्फरनगर में शहीद हुए लोगों के साथ अन्याय नहीं कर रहे हैं? किसानों के हित के लिए जितना काम केंद्र की मोदी सरकार ने किया है, इससे पहले कभी नहीं हुआ। MSP का लाभ किसान के अकाउंट में जाए, ये मोदी सरकार ने ही किया है।’

सीएम योगी का जवाब: योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘पहले 6 लाख मीट्रिक टन का गेहूं का क्रय हुआ था और ये किसान से सीधा नहीं आढ़तियों के माध्यम से हुआ था। इस बार 66 लाख मीट्रिक टन का क्रय हुआ है और वो भी सीधा किसानों से। ये सारा पैसा किसान के बैंक खाते में गया है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस भी ये काम नहीं कर पाई थी। हमारी सरकार ने चीनी मिलों का संचालन भी शुरू किया। पिछली सरकारें चाहती ही नहीं थीं कि किसान उन्नति करे। राकेश टिकैत के आंदोलन का हम स्वागत करना चाहेंगे। किसान का स्वागत होगा, लेकिन कानून से खिलवाड़ होगा तो उसका वैसी ही स्वागत होगा।’

प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा के बाद यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है। यह फैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था।’ दूसरी तरफ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, ‘अगर सरकार समय से इस फैसला को ले लेती तो कई निर्दोष किसानों की जान बच जाती। लेकिन सरकार को ऐसा करना ही नहीं चाहती थी। ये भारत के हर किसान और मजदूर की जीत है।’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘पीएम मोदी की पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान किया। हार दिखने लगी तो देश की सच्चाई समझ आ गई।’