मधुमेह यानी डायबिटीज के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हर आयु वर्ग के लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि शुगर को कंट्रोल करने में मुलेठी बेहद कारगर है। यह मीठे की क्रेविंग को भी कंट्रोल करता है।

आयुर्वेद के जानकार कहते हैं डायबिटीज मरीजों को मीठा खाने की मनाही होती है, लेकिन कई बार मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में मुलेठी को खास सकते हैं। मुलेठी तमाम औषधीय गुणों से भरपूर है, जो न सिर्फ ब्लड शुगर को काबू में रखती है बल्कि कई दूसरी बीमारियों में भी बेहद कारगर मानी गई है।

आइए जानते हैं कि मुलेठी का सेवन करने से बॉडी को कौन-कौन से फायदे होते हैं और ये शुगर को कैसे कंट्रोल करती है।

मुलेठी के सेहत के लिए फायदे:

औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी का इस्तेमाल अक्सर पान में किया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मुलेठी एक दवा की तरह भी काम करती है। खास, गले से संबंधित बीमारियों के लिए तो यह रामबाण मानी गई है। गले में खराश होने पर या गला सूखने पर मुलेठी राहत देती है।

इसी तरह ये अल्सर, सांस संबंधी समस्याओं और बैक्टीरियल इंफेक्शन को दूर करती है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि मुलेठी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।

मुलेठी कैसे शुगर को कंट्रोल करती है?

मुलेठी में डायबिटीज रोधी गुण और सूजन-रोधी गुण मौजूद है, जिसे अमोरफ्रूटिन कहा जाता है। यह रक्त में उच्च शर्करा के स्तर को घटाने और उसे कंट्रोल करने में मदद करती है। मुलेठी एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत है और इसलिए डायबिटीज से संबंधित विभिन्न बीमारियों को रोकने में मदद करती है। कुछ रिसर्च के अनुसार, मुलेठी मीठा खाने की क्रेविंग को नियंत्रित करने में मदद करती है। ऐसे में शुगर के मरीज चीनी की जगह मुलेठी खा सकते हैं।

‘मुलेठी का कैसे करें सेवन:

डायबिटीज के मरीज मुलेठी का सेवन गुनगुने पानी में कर सकते हैं। एक गिलास गुनगुना पानी लें उसमें एक चम्मच मुलेठी मिलाएं और उसे पी जाएं, इससे ब्लड शुगर कंट्रोल किया जा सकता है। मुलेठी को चबा भी सकते हैं।

कितनी मात्रा का सेवन करें?

मुलेठी बेशक औषधीय गुणों से भरपूर है लेकिन इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से बॉडी को नुकसान पहुंच सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक मुलेठी का एक दिन में 1 से 5 ग्राम तक ही सेवन करना चाहिए।