आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने साफ कर दिया है कि अब उनकी पार्टी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगी। यही वजह है कि आजाद समाज पार्टी दिल्ली नगर निगम चुनाव में 272 वार्डों पर प्रत्याशी उतारने जा रही है। चंद्रशेखर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजेपी ने यूपी और दिल्ली दोनों ही जगहों पर कोई काम नहीं किया है। यही वजह है कि अब उनकी पार्टी दलितों के हक की आवाज उठाने के लिए चुनाव लड़ेगी। एक इंटरव्यू में भीम आर्मी चीफ से उनके तीखे तेवर को लेकर सवाल भी किया गया था।

‘न्यूज़24’ के साथ बातचीत के दौरान एंकर मानक गुप्ता ने चंद्रशेखर आजाद से सवाल किया था, ‘मैंने देखा कि अखिलेश यादव का नाम लेते ही आपके अंदाज में थोड़ा नरम रुख आ गया। एक बार आप मूंछों पर ताव देकर दिखा दीजिए। मैंने देखा था जेल से निकलकर आपने मूंछों पर ताव दिया था, आखिर इसका क्या मैसेज था? वो स्टाइल से ज्यादा इस बात का संकेत देता है कि आप डरते या झुकते नहीं हैं। इसके अलावा प्रियंका गांधी से तो बाकायदा आपके अच्छे रिश्ते हैं तो आप क्या भविष्य में उनके साथ नजर आ सकते हैं।’

इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मेरे देश के युवा मुझे स्टाइल से नहीं, काम से पसंद करते हैं। उन्हें विश्वास है कि ये व्यक्ति टूटेगा नहीं, बिकेगा नहीं। इसलिए मेरा कोई मैसेज नहीं था। सीबीआई, इनकम टैक्स के डर से अपने मुद्दों से भटकेगा नहीं। सूरज पश्चिम से निकल सकता है, लेकिन चंद्रशेखर झुक नहीं सकता। मैं पैसा कमाने के लिए राजनीति में नहीं आया हूं। मैं परिवर्तन चाहता हूं। हजारों साल तक संघर्ष करने के बाद भी हम लोगों को बराबरी का अधिकार नहीं मिल रहा है तो बदलाव होना चाहिए। अभी हम अपना काम कर रहे हैं इससे ज्यादा अखिलेश या प्रियंका गांधी से कोई बात नहीं हुई है।’

रेंज रोवर-फॉर्च्यूनर से चलने के पैसे कहां से आते हैं? एक अन्य इंटरव्यू में चंद्रशेखर से सवाल किया गया था, ‘सोशल मीडिया पर आपसे सवाल भी किया गया था कि रेंज रोवर और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियों में घूमने के लिए आपके पास पैसे कहां से आते हैं?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मेरे नाम पर तो सिर्फ एक मोटर साइकिल है और वो भी मेरे पिता जी ने लेकर दी थी। बाकि रैली या अन्य किसी चीजों के लिए जो भी संसाधन हैं वो मेरी टीम मुझे मुहैया करवाती है। मेरा गाड़ी को लेकर ऐसा कोई विरोध नहीं है। बल्कि मैं तो चाहता हूं कि इस देश का प्रत्येक नागरिक अपनी गाड़ी रखे।’