हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग वेबसाइट में उपलब्ध 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक दो तरह की दवाईयों बेंजोडायजेपाइन (benzodiazepines) और एंटीकोलिनर्जिक्स (anticholinergics)का सेवन डिमेंशिया के जोखिम से जुड़ा हैं। हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग वेबसाइट में उपलब्ध 2021 की रिपोर्ट में दो पॉपुलेशन बेस्ड अध्ययनों का हवाला दिया गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि इन दो दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करने से डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय और ग्रुप हेल्थ द्वारा एंटीकोलिनर्जिक (anticholinergic) पर अध्ययन किया गया था। जबकि बेंजोडायजेपाइन पर अध्ययन फ्रांस और कनाडा के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया था। रिसर्च में पाया गया कि ये दोनों दवाएं डिमेंशिया का जोखिम बढ़ाती हैं। आइए रिसर्च से जानते हैं कि कैसे ये दोनों दवाईयों का सेवन डिमेंशिया का जोखिम बढ़ाती हैं।

रिसर्च से जानिए कैसे ये दो दवाईयां डिमेशियां के लिए हैं जिम्मेदार:

वाशिंगटन विश्वविद्यालय और ग्रुप हेल्थ द्वारा किए गए अध्ययन में 65 या उससे अधिक उम्र के 3,500 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया। रिसर्च में 10 साल पहले प्रतिभागियों द्वारा ली जाने वाली दवाओं के रिकॉर्ड को देखा गया। रिसर्च में पाया गया कि दवाईयां लेने वाले 800 लोग डिमेंशिया के शिकार हो गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने तीन साल या उससे अधिक समय तक एंटीकोलिनर्जिक (anticholinergic)का सेवन किया उन्हें अधिक डिमेंशिया का जोखिम था।

बेंजोडायजेपाइन (benzodiazepine) पर अध्ययन के लिए, 66 वर्ष से अधिक उम्र के 2,000 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया जिसमें 7,000 पुरुष और महिलाओं में डिमेंशिया रोग देखा गया। शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर के निदान से पहले पांच से छह वर्षों के दौरान मरीजों को दी जाने वाली दवा के नुस्खे को देखा। जिन लोगों ने लगातार तीन महीने या उससे कम समय के लिए बेंजोडायजेपाइन लिया था उन्हें डिमेंशिया का जोखिम था।

रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों ने तीन से छह महीने के लिए बेंजोडायजेपाइन लिया था, उनमें अल्जाइमर विकसित होने का 32% अधिक जोखिम था, और जो लोग छह महीने से अधिक समय तक एक बेंजोडायजेपाइन लेते थे, उनमें इस दवा का सेवन नहीं करने वालों की तुलना में डिमेंशिया का 84% अधिक जोखिम था।

ये दवाएं मस्तिष्क के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं?

दोनों दवाएं न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती हैं। सामान्य एंटीकोलिनर्जिक दवाएं जैसे डायसाइक्लोमाइन (Dicyclomine), स्कोपोलामाइन (Scopolamine), बेन्स्ट्रोपिन (Benztropine) ब्लॉक एसिटाइलकोलाइन जैसी दवाएं याददाश्त दुरुस्त रखने और स्मृति को बरकरार रखने में इस्तेमाल की जाती हैं। एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) रक्त वाहिकाओं, हृदय और पाचन तंत्र के संकुचन को भी नियंत्रित करती है। बेंजोडायजेपाइन गामा मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को धीमा कर देते हैं।