भारत में करी पत्ता का इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने में किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर करी पत्ता का सेवन कई गंभीर बीमारियों का उपचार करने में किया जाता है। इसका सेवन वजन घटाने और दिल को सेहतमंद रखने में खासतौर पर किया जाता है। इसका सेवन मॉर्निंग सिकनेस को दूर करता है और बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

आहार विशेषज्ञ मैक सिंह ने इंस्टाग्राम पर करी पत्ता के सेहत को होने वाले फायदे की एक सूची सांझा की है। एक्सपर्ट के मुताबिक करी पत्ता ना सिर्फ कई बीमारियों को दूर करता है बल्कि मोटापा पर भी लगाम लगता है। अगर आप बढ़ते मोटापा से परेशान हैं तो इस हर्ब्स का सेवन करें। आइए जानते हैं कि करी पत्ता कैसे मोटापा को कंट्रोल करने में असरदार है।

पेट की चर्बी कम करता है करी पत्ता:

कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि करी पत्ता का सेवन करने से मोटापा को कंट्रोल किया जा सकता है। एंटीओबेसिटी और मुरैना कोएनिगी (murraya koenigii) के लिपिड कम करने वाले प्रभाव से पता चलता है कि इसमें मौजूद यौगिक कार्बाज़ोल अल्कलॉइड्स (Carbazole Alkaloids) मोटापे को कम करने में मदद करता हैं। इसका सेवन करने से ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) और कोलेस्ट्रॉल(cholesterol) के स्तर को भी कम किया जा सकता है जो मोटापा को बढ़ावा देते हैं।

करी पत्ते और वजन घटाने में संबंध:

कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल,नवी मुंबई में सलाहकार,आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ,प्रतीक्षा कदम ने Indianexpress.com के साथ बात करते हुए कहा है कि करी पत्ते कैलोरी में कम होते हैं और फाइबर का एक अच्छा स्रोत होते हैं। इसका सेवन करने से भूख कंट्रोल रहती है और कैलोरी का सेवन करने पर कंट्रोल रहता है। कुछ शोध बताते हैं कि करी पत्ता रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है,जो वजन को कंट्रोल करने में भी असरदार साबित होता है।

करी पत्ता के सेहत के लिए फायदे:

करी पत्ते का सेवन करने से मॉर्निंग सिकनेस को दूर करने में मदद मिलती है। करी पत्ते में कार्मिनिटिव गुण होते हैं जिसका अर्थ है कि ये गैस,सूजन और ब्लोटिंग की समस्या को दूर करने में असरदार है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त है और मॉर्निंग सिकनेस से राहत मिलती है। अपच सुबह की बीमारी और मतली का प्रमुख कारण है।

इसका सेवन करने से स्किन के घाव दूर होते हैं। करी पत्ते में एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। इसका इस्तेमाल खरोंच और स्किन के फटने पर लगाया जा सकता है। कढ़ी पत्ते का पेस्ट बनाकर मधुमक्खी के डंक मारने और जहरीले जानवर के काटने पर भी मददगार होता है। इसके अलावा यह मुंह के छालों के इलाज में भी मदद करता है।