सौंफ एक ऐसा सीड्स है जो बेहतरीन माउथफ्रेशनर है। ये हमारे दिल की सेहत से लेकर हमारे मोटापा तक को कंट्रोल करती है। सीड्स के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वो जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। उसमें फाइबर बेहद होता है और कैलोरी कम होती है जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करती है और हेल्थ के लिए फायदेमंद भी है। जब भी दिल की सेहत को दुरुस्त रखने की बात आती है तो अक्सर डॉक्टर हमें सलाह देते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव करें,डाइट और एक्सरसाइज करें इनके साथ ही कुछ घरेलू नुस्खो को अपनाकर ओवरऑल हेल्थ में सुधार करें।

मणिपाल अस्पताल, बेंगलुरु की मुख्य पोषण विशेषज्ञ,वाणी कृष्णा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि सौंफ न्यूट्रिशन प्रोफ़ाइल में सुधार करती है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन सी,विटामिन ई और विटामिन K के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम, सेलेनियम और आयरन जैसे खनिजों भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर सौंफ शरीर में सूजन को कम करती हैं। सौंफ का सेवन दिल को सेहतमंद रखने के साथ ही मोटापा को कंट्रोल करता है। डायबिटीज के मरीज सौंफ का सेवन करें तो ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि सौंफ कैसे मोटाप,ब्लड शुगर कम करती है और दिल को हेल्दी रखती है।

दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छी है सौंफ

जर्नल ऑफ फूड साइंस (2012) में अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई के शोधकर्ताओं ने रिसर्च के माध्यम से बताया था कि सौंफ के बीजों में मौजूद नाइट्राइट दिल की सेहत में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्ययन के परिणामों से पता चला था कि सौंफ के बीज में काफी अधिक मात्रा में नाइट्राइट होते हैं। रिसर्च के मुताबिक खाने के बाद सौंफ चबाने से लार में नाइट्राइट की मात्रा बढ़ जाती है। नाइट्राइट दिल की रक्त वाहिकाओं को फैलाते हैं,उन पर तनाव कम करते हैं,उन्हें रिलेक्स देते हैं जिससे दिल की मांसपेशियों के रक्त प्रवाह सुधार होता है।

सौंफ कैसे वजन कम करती है:

सौंफ का सेवन आमतौर पर खाने के बाद किया जाता है। फाइबर से भरपूर सौंफ पाचन को धीमा करती हैं और शुगर स्पाइक्स से बचने में मदद करती हैं। इसका सेवन करने पर पेट लम्बे समय तक भरा रहता है और भूख नहीं लगती जिससे वजन कंट्रोल रहता है। सौंफ का इस्तेमाल अगर भिगोकर उसके पानी के रूप में करें तो ये मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है और वेट लॉस जर्नी को आसान बनाती है।

सौंफ कैसे शुगर कंट्रोल करती है:

चूहों पर की गई कुछ रिसर्च के मुताबिक सौंफ के अर्क ने एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक दवा की तुलना में ब्लड शुगर को तेजी से कम कर दिया है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है जो इंसानों के बीच यह साबित करता हो कि सौंफ इंसानों पर दवा से बेहतर असर करती है। सौंफ के घुलनशील फाइबर ब्लड शुगर स्पाइक्स को कंट्रोल करने और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। सौंफ के बीज बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं, एक अन्य एंटीऑक्सीडेंट जो टाइप 2 मधुमेह वाले रोगियों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।

आंत के स्वास्थ्य में सुधार करती है सौंफ:

सौंफ पाचन में सुधार करती है इसीलिए भारत में इसका सेवन खाना खाने के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है। सौंफ में मौजूद आवश्यक तेल पाचक रस और एंजाइम के स्राव को उत्तेजित करते हैं। कार्बनिक यौगिक एनेथोल, फेनचोन और एस्ट्रैगोल ऐंठन-रोधी और सूजन-रोधी होते हैं जो कब्ज, अपच और सूजन से निजात दिलाने में असरदार साबित होते हैं। सौंफ की चाय को पाचन तंत्र में सुधार के लिए सबसे अच्छा रामबाण दवा माना जाता है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि एनेथोल जैसे कार्बनिक यौगिकों में एंटी-कैंसर, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट के संक्रमण को दूर रखते हैं।