रायबरेली सदर विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में अदिति सिंह ने इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया है। अदिति काफी समय से पार्टी से नाराज चल रही थीं और अक्सर उनके बयान पार्टी लाइन से इतर होते थे। सियासी गलियारों में उनके पार्टी छोड़ने के कयास काफी वक्त से लगाए जा रहे थे।
कौन हैं अदिति सिंह?: अदिति सिंह कद्दावर बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी हैं। वह साल 2017 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरीं थीं। मोदी-योगी लहर के बावजूद सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली सदर सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं थीं। इतना ही नहीं, अदिति यूपी विधानसभा की सबसे युवा सदस्यों में एक है।
हालांकि 2019 में ही अदिति ने कांग्रेस को बागी तेवर दिखा दिए थे, जब पार्टी के व्हिप के खिलाफ जाकर संविधान दिवस पर विधानसभा के विशेष सत्र में आयोजित कार्यक्रम में हुई थीं। इसके बाद वह लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर बयान देती रहीं। कई मौकों पर उनके बयान पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले थे।
विदेश में पढ़ाई, कांग्रेस विधायक से हुई शादी: अदिति सिंह का जन्म 15 नवंबर 1987 को लखनऊ में हुआ था। अदिति ने यूएसए के ड्यूक विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज की डिग्री हासिल की है। विदेश से पढ़ाई के बाद अदिति ने अने पिता अखिलेश सिंह की राजनीतिक विरासत संभाली और विधायक बनीं। 21 नवंबर 2019 को अदिति सिंह ने पंजाब के कांग्रेस विधायक अंगद सिंह संग शादी कर ली थी।
कितनी प्रॉपर्टी की मालकिन हैं अदिति?: 2017 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार, अदिति सिंह के पास 13 लाख 98 हजार 459 रुपए की चल संपत्ति है। जिसमें 15 हजार रुपए नकद, बैंक खाते में 53 हजार रुपए है। वहीं, 4 लाख 25 रुपए की ज्वेलरी है। वहीं अचल संपत्ति के नाम पर अदिति सिंह के पास सिर्फ एक खेत है जिसकी कीमत 4 लाख 40 हजार रुपए है। 2017 में दिए हलफनामे के अनुसार, अदिति सिंह के नाम पर 44 लाख 90 हजार 234 रुपए कर्ज है, जो उन्होंने विजया बैक से लोन लिया हुआ था। हलफनामे के अनुसार अदिति सिंह के पास उनकी खुद की कोई गाड़ी नहीं है।
मानी जाती थीं राहुल की करीबी: बता दें कि अदिति सिंह को राहुल गांधी के करीबियों में शुमार किया जाता था, लेकिन कुछ वक्त से वह कांग्रेस से नाराज बताई जा रही थीं। इसी दरम्यान उन्होंने सीएम योगी के कार्यों की खूब प्रशंसा भी की। अदिति सिंह पिछले साल नवंबर में ही बीजेपी ज्वाइन कर चुकी हैं लेकिन कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया था। ऐसा करने से उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाती।