युवराज सिंह ने भारतीय क्रिकेट के लिए क्या कुछ किया है उसके बारे में कुछ कहने या लिखने की जरूरत शायद ही है। साल 2011 में गंभीर बीमारी से जूझते हुए उन्होंने भारत को दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। इस वर्ल्ड कप में भारत को मिली कामयाबी के बाद सबको पता चला की उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी है और पूरा देश इसके जानकर दुख में डूब गया था। खैर, युवी ने इस बीमारी से फाइट किया और विनर बनकर सबके सामने आए और फिर टीम इंडिया में वापसी भी की।
युवराज सिंह हर भारतीय खेल प्रेमी के आदर्श हैं और उन्हें खेलते देखना हमेशा ही बड़ा सुखद रहा। अब युवराज सिंह ने न्यूज 18 के एक कार्यक्रम में अपने क्रिकेट करियर को लेकर कुछ बड़ा खुलासा किया जो उनके बेहतर शायद ही कोई समझता होगा। युवी ने कहा कि जब मैंने वापसी की तो एमएस धोनी और विराट कोहली ने मेरा समर्थन किया और जितना हो सकता था हर तरह से मेरी मदद की। वहीं विराट कोहली के बारे में उन्होंने कहा कि जब कोहली टीम इंडिया के कप्तान थे तब उन्होंने मुझे पूरा सपोर्ट किया और अगर कोहली नहीं होते तो भारतीय टीम में मेरी वापसी नहीं हो पाती।
युवराज सिंह को वनडे क्रिकेट करियर में दो बड़ा विराम आया। इसमें पहले 2 अप्रैल 2011 में वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल खेलने के बाद वो क्रिकेट से दूर हो गए और फिर उन्होंने 30 दिसंबर 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में वापसी की थी। युवी ने इसके बाद कुछ मैच खेले, लेकिन एक बार फिर वो 11 दिसंबर 2013 में सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैच खेलने के बाद क्रिकेट से लंबे वक्त के लिए दूर हो गए।
इसके बाद युवी ने तीन साल के बाद जब मैदान पर वापसी की तब वनडे टीम के कप्तान विराट कोहली बन चुके थे और फिर उनकी कप्तानी में उन्होंने 15 जनवरी 2017 को पुणे में इंग्लैंड के खिलाफ वापसी की थी और 15 रन बनाए थे, लेकिन अगले ही मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 150 रन की जबरदस्त पारी खेली थी जो युवी के वनडे करियर का आखिरी शतक भी था। इस मैच में एमएस धोनी ने भी 134 रन की पारी खेली थी। युवराज सिंह ने वनडे शतक भी विराट कोहली की कप्तानी में ही जड़ा था। युवी ने भारत के लिए आखिरी वनडे भी 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।