साल 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनी थी। भारतीय टीम के चैंपियन बनने में युवराज सिंह का बड़ा योगदान था। हालांकि, शायद ही लोगों को मालूम हो कि उस वर्ल्ड कप से पहले युवराज सिंह का प्लेइंग इलेवन में भी खेलना संदिग्ध लग रहा था। उनकी जगह महेंद्र सिंह धोनी की पसंद सुरेश रैना थे। यह बात युवराज सिंह ने आज तक से बातचीत में बताई थी।

उन्होंने यह भी कहा था कि सचिन तेंदुलकर और टीम इंडिया के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन के कारण उनका कॉन्फिडेंस (आत्मविश्वास) लौटा था। युवराज सिंह से पूछा गया था कि क्या आपको याद है कि 2011 वर्ल्ड कप से पहले जब प्रैक्टिस मैच हुए थे तो महेंद्र सिंह धोनी ने एक बयान दिया था कि हमें युवराज सिंह और सुरेश रैना के बीच फैसला करना है। युवराज सिंह ने कहा, ‘हां जी, बिल्कुल सब याद है। मैं सोचता हूं कि रैना की सपोर्ट ज्यादा थी थोड़ी। एमएस उसे बहुत सपोर्ट करता था। हर कैप्टन का कोई फेवरेट प्लेयर होता है। जितने भी कैप्टन आए हैं, सबका कोई न कोई फेवरेट प्लेयर रहा है। मेरा मानना है कि माही उस समय वास्तव में रैना को सपोर्ट करते थे।’

युवराज ने कहा, ‘उस समय यूसुफ पठान भी बहुत अच्छा परफॉर्म कर रहा था। मैं भी कोई 40-40 रन बना रहा था और बीच में 2-2, 3-3 विकेटें भी ले रहा था। रैना का फॉर्म कुछ ज्यादा अच्छा नहीं था, उस टाइम पर। तो मेरा मानना है कि शायद इसी वजह से माही ने बोला होगा कि हमको युवी और रैना के बीच में देखना है। मुझे लगता है संभवतः यह एक कारण था। लेकिन मैं मानता हूं कि उस समय उनके पास बाएं हाथ का कोई स्पिनर नहीं था और मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। मैं विकेटें काफी ले रहा था उस टाइम पर, इसलिए उनके पास कोई विकल्प नहीं था।’

युवराज ने कहा, ‘मेरा मानना है कि गैरी और सचिन का बहुत सपोर्ट था मुझे। वे चाहते थे कि युवी आत्मविश्वास से खेले। वर्ल्ड कप से पहले मैंने सचिन से भी बात की थी। मैंने उनको बोला कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है मेरा। आप जानते हैं कि मैं बहुत संघर्ष कर रहा हूं। तो उन्होंने मुझको बोला कि समंदर में भूचाल आने से पहले समंदर शांत हो जाता है। और भी बड़ी बातें बोलीं।’

युवराज ने बताया, ‘गैरी और सचिन को था कि युवी को थोड़ा कॉन्फिडेंस देना है। इंग्लैंड के खिलाफ पार्टनरशिप अच्छी हो गई थी, तो ऊपरी क्रम में भेजना चाहते थे मुझे। मेरा मानना है कि गैरी वास्तव में मेरा सपोर्ट करते थे। उनका मत था कि जब भी मौका मिले, तो मुझे ऊपरी क्रम में भेजा जाए। वे चाहते थे कि मेरा कॉन्फिडेंस लौटे।’

युवी ने बताया, ‘इंग्लैंड के खिलाफ मैं चार नंबर बैटिंग करने गया। विराट के आउट होने पर। मैंने 58 रन बनाए थे। वहां से मेरे को काफी कॉन्फिडेंस आया। अगले मैच में मैंने 5 विकेट लिए और अर्धशतक भी लगाया।’ युवराज सिंह ने कहा, ‘मूवमेंटम आ गया था मेरे को। तो एक बार अगर मूवमेंटम आ जाए आपको। मेरी फॉर्म भी हमेशा ऐसी ही रही है।’