पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab-Haryana High Court) ने शुक्रवार 11 अगस्त को हरियाणा कुश्ती संघ (एचडब्ल्यूए) की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद शनिवार 12 अगस्त को होने वाले बहुप्रतीक्षित रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wrestling Federation of India) के चुनावों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के 15 पदों के लिए 30 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है।

हरियाणा कुश्ती संघ की याचिका पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

यह आदेश हरियाणा कुश्ती संघ की ओर से दायर उस याचिका पर आया, जिसमें हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई (WFI) चुनावों में वोट डालने की मंजूरी देने के फैसले को चुनौती दी गई थी। हरियाणा कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद दीपेंद्र हुड्डा हैं। हरियाणा कुश्ती संघ की ओर से पेश अधिवक्ता रविंदर मलिक ने कहा कि एचडब्ल्यूए राज्य में एक पंजीकृत सोसायटी है और डब्ल्यूएफआई से संबद्ध है।

हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के हिस्सा लेने पर मचा बवाल

डब्ल्यूएफआई के नियमों और संविधान के अनुसार, कोई भी पंजीकृत संबद्ध निकाय डब्ल्यूएफआई चुनाव में वोट डालने के लिए दो प्रतिनिधियों को भेज सकता है। एचडब्ल्यूए के अधिवक्ता रविंदर मलिक ने कहा, ‘एक अन्य संस्था, हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने दावा किया है कि वह डब्ल्यूएफआई के साथ-साथ हरियाणा ओलंपिक संघ से भी संबद्ध है।’

हरियाणा एमेच्योर कुश्ती एसोसिएशन ने यह भी दावा किया है कि एचडब्ल्यूए चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकता, क्योंकि वह डब्ल्यूएफआई से संबद्ध नहीं है। एचडब्ल्यूए के अधिवक्ता ने कहा, ‘रिटर्निंग ऑफिसर ने हरियाणा एमेच्योर कुश्ती एसोसिएशन के पक्ष में फैसला दिया है और कहा है कि वे डब्ल्यूएफआई के साथ-साथ हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के साथ संबद्धता की शर्तों को पूरा करते हैं।’

एचडब्ल्यूए की ओर से पेश रविंदर मलिक ने कहा, ‘हमने रिटर्निंग ऑफिसर के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को डब्ल्यूएफआई से संबद्ध किया जा सकता है, लेकिन वह हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (HOA) से संबद्ध नहीं है। इसका मतलब है कि वह मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने के हकदार नहीं हैं।’

‘हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने हिस्सा लिया तो पक्षपात होगा’

उन्होंने बताया, ‘अगर हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाती है, तो इससे पूर्वाग्रह पैदा होगा और साथ ही डब्ल्यूएफआई के चुनाव भी अवैध माने जाएंगे।’ अदालत ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि यह किसी के प्रति पूर्वाग्रह पैदा कर सकता है और प्रथमदृष्टया लगता है कि हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ वोट डालने की पात्रता नहीं रखता है। उच्च न्यायालय (High Court) के न्यायाधीश विनोद एस भारद्वाज की अदालत ने डब्ल्यूएफआई के चुनावों पर रोक लगा दी है।

पहले भी टल चुके हैं WFI के चुनाव

बता दें कि चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए बृजभूषण शरण सिंह खेमे के संजय सिंह और 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण के बीच मुकाबला होना था। चुनाव से पहले रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के निवर्तमान अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भारतीय पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात की थी।

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अनुसार, शुरुआत में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव 6 जुलाई से 11 जुलाई तक होने वाले थे, लेकिन बाद में इसकी तारीख 12 अगस्त 2023 तय हुई थी। WFI के निवर्तमान प्रमुख और 6 बार के सांसद भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह पर प्रॉक्सी के जरिए महासंघ पर कब्जा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था, क्योंकि 31 जुलाई को उनके 18 समर्थकों ने नामांकन दाखिल किया था।

इसके बाद यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव नहीं लड़ेगा। हालांकि, उन्होंने दोहराया था कि उनके गुट को लगभग 25 राज्य संघों का समर्थन प्राप्त है।

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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट समेत देश के शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। वे भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने पर भी बैठे थे।