भारतीय क्रिकेट टीम का विश्व कप 2023 में विजय अभियान जारी है। भारत ने लगातार 7 मैच जीतकर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है। वह सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी। हालांकि, यह बात पड़ोसी मुल्क के लोगों और कुछ पूर्व क्रिकेटर्स को भी नहीं बर्दाश्त नहीं हो रही है। इसी कारण पाकिस्तान के एक पूर्व क्रिकेटर ने मूर्खतापूर्ण मांग कर डाली।

पाकिस्तान के लिए 7 टेस्ट मैच और 16 एकदिवसीय मुकाबले खेलने वाले हसन रजा ने आईसीसी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर बड़ा आरोप लगाया। हसन रजा भारतीय गेंदबाजों, खासकर शमी और सिराज के शानदार प्रदर्शन से हैरान थे। उन्हें संदेह था कि गेंदों में कुछ ‘गलत’ है।

पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर एक LIVE शो के दौरान हसन रजा ने कहा कि आईसीसी या बीसीसीआई सिर्फ भारतीय गेंदबाजों को कुछ विशेष गेंदें उपलब्ध करा रहे हैं। इससे बल्लेबाजी पिचों पर भी भारतीय गेंदबाजों को स्विंग मिल रही है। हसन रजा ने यह भी कहा कि ICC की ओर से दी गई गेंदों की ‘जांच’ होना चाहिए।

हालांकि, इस पर पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने उनकी क्लास ली। उन्होंने पाकिस्तानी स्पोर्ट्स एंकर की पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा, ‘क्या यह एक संजीदा क्रिकेट शो है? यदि नहीं तो कृपया कहीं अंग्रेजी में ‘satire’ या ‘comedy’ का उल्लेख करें। मेरा मतलब है… यह उर्दू में भी लिखा जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य से मैं इसे पढ़/समझ नहीं सकता।’

स्पोर्ट्स शो में एंकर ने हसन रजा से पूछा, ‘मुझे ऐसा लग रहा है कि गेंदें अलग-अलग हैं, क्या आपको ऐसी संभावना लगती है?’ इस पर हसन रजा ने कहा, ‘हमें समझ नहीं आता है कि जब बैटिंग हो रही होती है तो प्लेयर्स अच्छा खेल रहे होते हैं, लेकिन जहां इंडिया की बॉलिंग शुरू होती है वहां पर हमने देखा कि कुछ DRS फैसले भी इंडिया के पक्ष में चले गए। करीब 7 या 8 ऐसे फैसले हैं, जो काफी करीबी थी, लेकिन वह इंडिया के पक्ष में गए।’

हसन रजा ने कहा, ‘हमने देखा कि शमी और सिराज जैसे बॉलर्स वैसी गेंदबाजी कर रहे थे, जैसे हम एलन डोनाल्ड या मखाया एनटिनी को खेलते थे। साउथ अफ्रीका में हमें जो गेंद खेलने को मिलती थी, उसमें एक तरफ चमक होती थी और एक तरफ नहीं होती थी। गेंद रिवर्स होती थी, सीम स्विंग होती थी, लेकिन यहां मुझे लग रहा है कि गेंद बदल दी जाती है।’

हसन रजा ने कहा, ‘आईसीसी या बीसीसीआई जो भी गेंद दे रहा है उसकी थर्ड अंपायर को जांच करनी चाहिए। नई गेंद में कोई ‘हार्डनेस’ नहीं है। भारतीय गेंदबाजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली गेंद पर कुछ ‘अतिरिक्त परत या कोटिंग’ होती है।’