पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने आईसीसी के समक्ष भारत में चल रहे वर्ल्ड कप से जुड़ी तीन शिकायत दर्ज कराई हैं। पीसीबी ने अपनी शिकायत में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दुर्व्यवहार, पाकिस्तानी फैंस को भारत नहीं आने देने की अनुमति और भारत की वीजा पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने यह एक्शन भारत के खिलाफ मिली हार के बाद लिया है। इसको लेकर भारत में तो नाराजगी है ही साथ ही पाकिस्तान में भी इसके विरोध में आवाज उठी है।

दानिश कनेरिया ने लगाई लताड़

दरअसल, पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने पीसीबी के इस एक्शन पर सवाल उठाए हैं। दानिश कनेरिया ने एक ट्वीट के जरिए कहा है, “पाकिस्तानी जर्नलिस्ट जैनब अब्बास से भारत और हिंदुओं के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए किसने कहा था? मिकी आर्थर ने आईसीसी इवेंट को बीसीसीआई का इवेंट बताने के लिए किसने कहा था? रिजवान को ग्राउंड पर नमाज पढ़ने के लिए किसने कहा? दूसरों में कमियां ढूंढना बंद करो।”

जैनब ने किया था हिंदू-देवी देवताओं का अपमान

आपको बता दें कि दानिश कनेरिया ने पीसीबी पर जो सवाल दागे हैं उनको लेकर पिछले कुछ दिनों में बवाल हुआ है। जैनब अब्बास पाकिस्तानी स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हैं और वह भारत में वर्ल्ड कप कवर करने आई थीं, लेकिन उन्हें भारत से डिपोर्ट कर दिया गया और इसकी वजह थी काफी समय पहले उनकी ओर से हिंदू देवी-देवताओं को लेकर किए गए ट्वीट जो वायरल हो रहे थे।

मिकी आर्थर ने भी की थी विवादित टिप्पणी

इसके अलावा मिकी आर्थर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि यह ICC इवेंट नहीं बल्कि बीसीसीआई का इवेंट लग रहा है। मिकी आर्थर ने यह बात अहमदाबाद में भारत-पाकिस्तान मैच के बाद कही थी, जहां भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हरा दिया था। मिकी आर्थर ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान मैच पूरी तरह से बीसीसीआई का इवेंट लग रहा था। कहीं से भी यह आईसीसी इवेंट नहीं लगा। मैंने स्टेडियम में ‘दिल-दिल पाकिस्तान बार-बार’ नहीं सुना। यह सब चीजें मैच के नतीजे पर असर डालती हैं।

मोहम्मद रिजवान ने मैदान पर पढ़ी थी नमाज

पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने नीदरलैंड्स के खिलाफ अपने पहले मैच में ग्राउंड पर ही नमाज अदा की थी। इसको लेकर रिजवान के खिलाफ आईसीसी में शिकायत भी दर्ज हुई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा है कि रिजवान ने जो किया वह खेल भावना के खिलाफ था।