नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार (2 नवंबर) को महिला क्रिकेट का नया अध्याय शुरू होगा। वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत का सामना साउथ अफ्रीका से होगा। खिताबी मुकाबला कोई भी जीते इतिहास बनना तय है। 20 साल बाद महिला क्रिकेट को नया चैंपियन मिलेगा। 52 साल के इतिहास में पहली बार इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया फाइनल नहीं खेलेंगे। भारतीय टीम 2 बार फाइनल खेल चुकी है। 2005 और 2017 में उसे खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार खिताबी मुकाबला खेलेगी।

फाइनल में मुकाबला बराबरी का होगा। परिस्थितियां और पिछले 3 सालों का रिकॉर्ड भारत के पक्ष में हैं। भारतीय टीम ने 2022 से 2025 के बीच 6 में से 5 मैच जीती है, लेकिन वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका से उसे हार मिली। इसके अलावा साउथ अफ्रीका के पक्ष में यह बात जाती है कि 2017 के बाद से वह वर्ल्ड कप में भारत से एक भी मैच नहीं हारी। हालांकि, फाइनल जैसे मुकाबले में परिस्थितियां और पुराने रिकॉर्ड मायने नहीं रखते। मायने कुछ रखता है तो दबाव। जो टीम दबाव बेहतर झेलेगी वह चैंपियन बनेगी।

आइए जानते हैं 5 फैक्टर जो भारत-साउथ अफ्रीका फाइनल मैच का नतीजा तय करेंगे

बारिश और परिस्थितियां

महिला वर्ल्ड कप 2025 बारिश बहुत ज्यादा प्रभावित रहा है। फाइनल के भी बारिश से प्रभावित होने का खतरा है। नवी मुंबई में भारत के दो लीग मैच बारिश से प्रभावित हुए, लेकिन सेमीफाइनल में शुरुआत में थोड़ी बहुत बारिश हुई। फाइनल के दौरान बारिश का अनुमान है और अगर ऐसा होता है तो एक रिजर्व डे रखा गया। ऐसे में दोनों टीमें शायद पहले गेंदबाजी करना चाहेंगी। टूर्नामेंट का ट्रैक रिकॉर्ड भी इसी के पक्ष में है।

ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस वेन्यू पर भारत लगातार चौथा मैच खेल रहा है, जबकि साउथ अफ्रीका ने यहां एक भी मैच नहीं खेला है। एक हफ्ते के अंदर इंदौर से गुवाहाटी और फिर मुंबई का सफर किया है। दूसरी ओर भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइन के ठीक दो दिन बाद खेलने उतरना है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत थका देने वाला होता। साउथ अफ्रीका को इंग्लैंड के खिलाफ जीत के बाद 3 दिन का आराम मिला।

दबाव का खेल

भारत-साउथ अफ्रीका से बेहतर यह कौन जानता है कि दबाव की भूमिका कितनी अहम होती है। दोनों टीमों का अतीत में खूब दिल टूटा है। साउथ अफ्रीका ने वनडे वर्ल्ड कप में तीन सेमीफाइनल हारे हैं। पिछले दो टी20 वर्ल्ड कप में वह रनर-अप रही है। भारत वनडे वर्ल्ड कप में दो बार रनर-अप रहा है। उसने 2020 में दो बार टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला। वह दो बार सेमीफाइनल से भी बाहर हुआ है।

साउथ अफ्रीका की पहले बल्लेबाजी

साउथ अफ्रीका का टूर्नामेंट अजीब रहा है। दो बार पहले बैटिंग करते हुए टीम 100 से कम स्कोर पर आउट हो गई। दो बार पहले बैटिंग करते हुए उसने 300+ का स्कोर बनाया है, जिसमें सेमीफाइनल भी शामिल है। आखिरी लीग स्टेज मैच में टीम 97 रन पर आउट हो गई थी। ऐसे में फाइनल में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर साउथ अफ्रीका पहले बैटिंग करता है तो क्या होगा?

मारिजान कैप बनाम भारत के ओपनर बल्लेबाज

वर्ल्ड कप में खराब शुरुआत के बाद स्मृति मंधाना ने वापसी की और लगातार तीन मैचों में 80 से ज्यादा रन बनाए। उनकी ओपनिंग पार्टनर प्रतीका रावल सेमीफाइनल से पहले टूर्नामेंट से बाहर होने के बावजूद टॉप पांच रन बनाने वाले बल्लेबाजों में शामिल रहे। उन्होंने मंधाना के साथ दो बार 150+ रन की पार्टनरशिप की। अब भारत के पास शैफाली वर्मा के रूप में बिल्कुल अलग बैटर है, जो मैच का पासा पलट सकती है, लेकिन फाइनल से पहले उन्होंने लगभग पांच बॉल ही खेली हैं।

स्मृति और शैफाली के लिए सबसे बड़ी चुनौती मारिजान कैप होंगी, जो अब वर्ल्ड कप हिस्ट्री में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली बॉलर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट लिए और टॉप-ऑर्डर में सेंध लगा दी। उन्होंने पहले स्पेल में 4 ओवर में 8 रन देकर 2 विकेट लिए थे। 2 ओवर मेडन थे। नवी मुंबई की सपाट पिच पर वह शुरुआत में मूवमेंट का फायदा उठाना चाहेंगी। इस साल वर्ल्ड कप में उन्होंने पावरप्ले में 36 ओवर फेंके हैं, जिसमें उन्होंने 80.1 प्रतिशत के डॉट-बॉल की हैं। अगर भारत उनकी चुनौती से निपट लेता है तो उसे बढ़त मिल सकती है।

डी क्लार्क- ट्रायॉन का खतरा

नादिन डी क्लार्क ने निचले क्रम की बल्लेबाज के तौर पर लगातार सुधार किया है। इस साल उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया है। उन्होंने नंबर 8 और 9 पर बल्लेबाज करते हुए 122 रन बनाए हैं। विशाखापत्तनम में उन्होंने 54 गेंद पर 84 रन बनाए थे और भारत की मुंह से जीत छीन ली थी। टीम 81 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद 252 रन के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रही थी। नादिन डी क्लार्क के साथ क्लो ट्रायोन भी शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। भारत के खिलाफ 49 और बांग्लादेश के खिलाफ 62 रन की उनकी पारी टॉप-ऑर्डर के बिखरने के बाद आई।