भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष पद से सौरव गांगुली की छुट्टी तय है। 1983 की विश्व विजेता टीम के हिस्सा रोजर बिन्नी उनकी जगह लेने वाले हैं। इस बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा प्रशासक नहीं रह सकते। वह आगे कुछ और बड़ा करेंगे। दादा के इस बयान के बाद अटकलों का बाजार गर्म है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं वह राजनीति में तो एंट्री नहीं करने वाले?

बता दें कि साल 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक गलियारों में सौरव गांगुली के राजनीति में आने की चर्चा थी। अटकलें थीं कि भाजपा बंगाल में ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतारना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दादा राजनीति में आने की बात से मना करते रहे हैं। बंधन बैंक के एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने सफलता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अंबानी और सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया।

सिक्के के दोनों पहलू देखना रोचक रहा

सौरव गांगुली ने क्रिकेट प्रशासक के तौर अपने अनुभव को लेकर कहा, “आप हमेशा नहीं खेल सकते। हमेशा प्रशासक भी नहीं बने रह सकते, लेकिन दोनों काम में मजा आया। सिक्के के दोनों पहलू देखना रोचक रहा। आगे कुछ और बड़ा करूंगा। मैं क्रिकेट प्रशासक रहा। काफी क्रिकेट हो रहा है और आपको फैसले लेने पड़ते हैं। इससे पैसा जुड़ा है । महिला क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट है। कई बार फैसले लेने पड़ते हैं।”

एक दिन में मोदी, तेंदुलकर या अंबानी नहीं बन सकते

गांगुली ने आगे कहा, “जीवन, उपलब्धियां और तरक्की छोटे-छोटे लक्ष्यों पर निर्धारित होती है। आप एक दिन में सचिन तेंदुलकर, अंबानी या नरेंद्र मोदी नहीं बन सकते। इसके लिए आपको अपना जीवन, समय , दिन, सप्ताह और महीने देने पड़ते हैं । यही सफलता की कुंजी है। यदि आप तय करते हैं कि यह मेरा काम है, यह मेरा जीवन है, तो अपने शेष जीवन को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए अपना सब कुछ झोंक दें।”

बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल को लेकर गांगुली का बयान

बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल को लेकर गांगुली ने कहा , ” मुझे यह बहुत अच्छा लगा । पिछले तीन साल में काफी अच्छी चीजें हुई । कोरोना काल में आईपीएल हुआ जो पूरे देश के लिए कठिन समय था। हमें नहीं पता था कि इसका सामना कैसे करना है। प्रसारण अधिकार रिकॉर्ड दाम पर बिके। अंडर 19 टीम ने वर्ल्ड कप जीता। काश महिला टीम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत पाती। टीम आस्ट्रेलिया को हरा सकती थी । सीनियर टीम आस्ट्रेलिया में जीती । बतौर प्रशासक ये सुनहरे पल थे।”