ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज व कप्तान रिकी पोंटिंग ने न्यूजीलैंड टीम की जमकर तारीफ की जिन्होंने हाल ही में भारत को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-3 से हराया। कीवी टीम के स्टार बल्लेबाज केन विलियमसन इस टेस्ट सीरीज में इंजरी की वजह से नहीं खेले थे और उनकी गैरमौजूदगी में इस टीम ने जो जीत हासिल की वो काबिलेतारीफ रही।

इस टेस्ट सीरीज में भारत पर कीवी टीम ने पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा और घरेलू मैदान पर 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को हराने वाली पहली विदेशी टीम भी बनी। न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय दिग्गज जैसे की रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, सरफराज खान सभी स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते हुए नजर आए थे।

भारत की कमजोरी सामने आई

न्यूजीलैंड ने इस टेस्ट सीरीज में भारत को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में 8 विकेट से हराकर जीत के साथ शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने पुणे में शानदार प्रदर्शन करते हुए 113 रनों से मैच जीत लिया। इसके बाद उन्होंने आखिरी मैच 25 रनों से जीतकर सीरीज का अंत शानदार तरीके से किया। रिकी पोंटिंग ने माना कि उन्हें कीवी टीम के इस तरह से प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी। उनका मानना है कि इस टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाजों की स्पिनरों की खेलने की क्षमता पर सवाल उठे और उनकी कमजोरी सामने आई।

अलग-अलग ट्रैक पर खेलने से बल्लेबाजों को हो रही है परेशानी

आईसीसी रिव्यू पर बोलते हुए पोंटिंग ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा परिणाम था और ईमानदारी से कहूं तो मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, खासकर तब जब आपकी टीम में केन विलियमसन नहीं थे। जब आप उपमहाद्वीप में उनके (विलियमसन के) रिकॉर्ड के बारे में बात करते हैं तो वो काफी शानर रहा है। इस टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों की सबसे बड़ी कमी सामने आ गई और ऐसा लगता है कि इस वक्त भारतीय बल्लेबाजों का स्पिनर को खेलने का स्किल शायद पहले जैसा नहीं रहा।

रिकी पोंटिंग ने स्पिन के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों के संघर्ष के बारे में बात करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अब अलग-अलग ट्रैक पर खेल रहे हैं। उनका मानना ​​है कि भारत पहले की तरह स्पिन गेंदबाजी नहीं खेल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि वे भारत में अलग-अलग विकेटों पर खेल रहे हैं। अब भारत में तेज गेंदबाजी ट्रैक बन रहे हैं क्योंकि अब वहां बेहतरीन तेज गेंदबाज सामने आ रहे हैं और भारतीय बल्लेबाज पहले की तरह से स्पिनरों को नहीं खेल रहे हैं। ये शायद आईपीएल की वजह से भी है क्योंकि इसकी वजह से युवा खिलाड़ी इसी तरह का खेल सीख रहे हैं। 15-20 साल पहले भारतीय बल्लेबाज जिस तरह से खेल सीखते थे अब युवा वैसे नहीं सीख रहे हैं।