पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। भारतीय टीम के खिलाफ उनका बल्ला और ज्यादा विस्फोटक हो जाता था। भारत के खिलाफ कई मुकाबलों में उन्होंने अपने दम पर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी।

पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज आलराउंडर को आउट करने के लिए टीम इंडिया को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। कई बार भारतीय खिलाड़ी उन्हें जल्दी ही पवेलियन भेजने में सफल भी रहते थे। ऐसा ही एक वाकया साल 2007 में एक वनडे इंटरनेशनल का है। तब महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के हाथों में भारतीय वनडे क्रिकेट टीम की कमान थी।

भारत-पाकिस्तान वनडे सीरीज का पहला मैच 5 नवंबर 2007 को गुवाहाटी में हुआ था। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। उसकी शुरुआत अच्छी लेकिन धीमी रही। उसने 29.5 ओवर में सिर्फ 3 विकेट गंवाए थे, लेकिन खाते में सिर्फ 104 रन ही जुड़े थे। यूनिस खान के आउट होने के बाद शाहिद अफरीदी बल्लेबाजी के लिए आए। उन्होंने आते ही छक्का जड़ अपने इरादे साफ कर दिया।

महेंद्र सिंह धोनी समेत सभी भारतीय क्रिकेटर्स को पता था कि अफरीदी का ज्यादा समय तक विकेट पर टिकना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दूसरे छोर पर मौजूद मोहम्मद यूसुफ भी लय में थे। उनके बल्ले से भी गेंद बीच-बीच में बाउंड्री के पार जा रही थी। ऐसे में महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर ने मिलकर अफरीदी को पवेलियन भेजने की योजना बनाई।

धोनी ने पाकिस्तान की पारी का 39वां ओवर फेंकने के लिए सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को गेंद थमाई। सचिन की पहली गेंद पर अफरीदी ने 2 रन लिए। अगली गेंद पर अफरीदी ने चौका जड़ दिया। तीसरी गेंद पर अफरीदी ने एक रन लेकर स्ट्राइक मोहम्मद यूसुफ को दे दी। यूसुफ ने चौथी गेंद पर एक रन लिया, जिससे स्ट्राइक फिर अफरीदी के पास पहुंच गई।

सचिन तेंदुलकर जैसे ही पांचवीं गेंद फेंकने के लिए आगे बढ़े, महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें विकेट के पीछे से इशारा किया कि गेंद ऑफसाइड में हल्की बाहर की तरफ रखना। तेंदुलकर ने वैसा ही किया। अफरीदी ने आगे बढ़कर मारने की कोशिश की और शॉट मिस कर गए। विकेट के पीछे धोनी तो तैयार ही बैठे थे। उन्होंने अफरीदी को स्टम्प करने में जरा भी देर नहीं लगाई और भारतीय टीम को बड़ी सफलता हाथ लग गई।

दरअसल, अफरीदी इससे पहले भी कई बार बाहर निकलकर ऑफसाइड में शॉट लगा चुके थे। इस बात को धोनी ने पकड़ लिया था। यही वजह थी कि उन्होंने सचिन के साथ मिलकर अफरीदी को इस तरह स्टम्प आउट करने की योजना बनाई।