भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान और खिलाड़ियों के बीच विवाद काफी पुराना है। तकरीबन हर कप्तान को टीम सिलेक्शन के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। महेंद्र सिंह धोनी पर वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों को बाहर करने के आरोप लगते हैं। इस बारे में सहवाग ने एक इंटरव्यू में सबकुछ साफ किया था। वीरू ने कहा था कि धोनी ने मुझे टीम से कभी नहीं हटाया। हमारी लड़ाई भी कभी नहीं हुई।

सहवाग इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में गए थे। वहां एंकर रजत शर्मा ने उनसे पूछा, ‘‘सहवाग आपका मानना है ये है कि आपकी परफॉर्मेंस ठीक नहीं थी, लेकिन सौरव गांगुली का मानना है कि धोनी ने आपको टीम से बाहर निकाला।’’ इस पर सहवाग ने कहा, ‘‘धोनी से जुड़े सवाल पूछे जाने पर कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि धोनी ने ऐसा किया या उन्होंने ऐसा किया होगा। वो दिल के बहुत अच्छे इंसान हैं। वो हम सब सीनियर खिलाड़ियों की इज्जत करते हैं। वे सीनियर का महत्व जानते थे।’’

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सहवाग ने कहा था, ‘‘जब वो नए-नए कप्तान बने तो उनके नेतृत्व में सीनियर खिलाड़ी खेले। उन्हें सबकुछ बताया। उन्हें अच्छी सलाह दी गई। इसका नतीजा रहा कि हम काफी वनडे और टेस्ट मैच जीते। मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ था। यह सिर्फ मीडिया द्वारा फैलाया गया भ्रम था। जब आप एक ही होटल में और एक साथ क्रिकेट खेलते हो तो मुझे नहीं लगता कि लड़ाई हो सकती है। अगर ऐसा होता तो मैं बहुत पहले ही टीम से निकल गया होता। मुझे नहीं लगता कि ये सही था।’’

सौरव गांगुली ने धोनी और सहवाग के मामले पर कहा था, ‘अगर कोई कप्तान किसी खिलाड़ी को टीम में रखना चाहें तो सिलेक्टर कभी कप्तान के खिलाफ जाकर उसे ड्रॉप नहीं कर सकते और कप्तान किसी को ड्रॉप करना चाहे तो चयनकर्ता कभी उनके आड़े नहीं आएंगे। धोनी की फॉर्म भी खराब थी। उसके बावजूद अगर उन्हें मौका मिल सकता है तो सहवाग को क्यों नहीं।’’ इस पर सहवाग ने कहा था, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मुझे धोनी ने बाहर करवाया है। गांगुली की कप्तानी के बाद काफी चीजें बदलीं।’’