किसान आंदोलन को लेकर पॉपस्टार रिहाना और जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थरबर्ग ने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की। उसके बाद विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, शिखर धवन समेत कई मौजूदा और पूर्व क्रिकेटर्स ने विदेशी लोगो को भारत के अंदरुनी मामलों में दखल नहीं देने की सलाह दी। इसके बाद कांग्रेसी नेता और सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसके पीछे बीसीसीआई का हाथ होने का आरोप लगाया है।

अभिनेत्री सयानी गुप्ता ने खिलाड़ियों समेत भारतीय सेलिब्रिटीज को अपना स्टैंड लेने की सलाह दी है। कार्ति चिदंबरम पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे हैं। कार्ति चिदंबरम ने इस संबंध में कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘मुझे यकीन है कि अक्षय कुमार, सचिन तेंदुलकर और अजय देवगन ने तीनों कृषि कानूनों को पढ़ा है।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘प्रिय बीसीसीआई कृपया क्रिकेटर्स को प्रोपगैंडा ट्वीट करने से रोकें। यह बहुत ही बचकाना है।’

किसान आंदोलन पर क्या बोली विराट कोहली एंड कंपनी
विराट कोहली ने ट्वीट कर कहा, ‘असहमति के इस मौके पर हम सबको एकजुट रहने की जरूरत है। किसान हमारे देश का अभिन्न हिस्सा हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि इस मुद्दे पर दोनों दलों की सहमति से कोई ना कोई हल जरूर निकल जाएगा, जिससे शांति आएगी और हम एकसाथ आगे बढ़ेंगे।’

अजिंक्य रहाणे ने लिखा, ‘ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिसका हल नहीं निकाला जा सकता है अगर हम एकसाथ खड़े रहें। चलिए एकसाथ खड़े रहें और अपने अंदरूनी मसलों को सुलझाएं।’ रोहित शर्मा ने लिखा, ‘भारत हमेशा ही मजबूत रहा है जब हम एकजुट होकर साथ खड़े रहे हैं। मुश्किल का हल निकालना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। भारत की तरक्की में किसानों की अहम भूमिका है और मुझे पूरा भरोसा है कि सभी साथ खड़े रहकर अपनी भूमिकाएं निभाते हुए मामले का हल निकाल लेंगे।’

शिखर धवन ने ट्वीट किया, ‘हमारे लिए अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी को कल के भविष्य के लिए एक साथ होना चाहिए।’ इससे पहले सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट में लिखा था, ‘भारत की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं। बाहरी ताकतें दर्शक हो सकती हैं लेकिन प्रतिभागी नहीं। भारतीय भारत को बेहतर जानते हैं और वही भारत पर फैसला करेंगे। आइए एक देश के रूप में हम एकजुट रहते हैं।’

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने लिखा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने आंतरिक मुद्दों को शांति से हल कर सकता है।’ सुरेश रैना ने लिखा, ‘देश में कुछ समस्याएं हैं। ऐसी समस्याएं जिनका आज या कल उत्तर दिया जा सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बाहरी लोगों को हस्तक्षेप करना चाहिए।’