इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 13वां सीजन 19 सितंबर से शुरू हो रहा है। पहला मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच खेला जाएगा। अब तक हुए 12 सीजन में हर बार कोई न कोई विवाद टूर्नामेंट में जरूर हुआ है। पहले ही सीजन में हरभजन सिंह ने एस.श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया था। वहीं, पिछले सीजन में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) अंपायर के एक गलत फैसले के कारण मैच हार गई थी। तब कोहली इतने गुस्से में थे कि वो सीधे अंपायर के कमरे जा घुसे थे। वह मुकाबला मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ था। विराट की टीम 6 रन से मैच हार गई थी।
दरअसल, कोहली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। मुंबई ने कप्तान रोहित शर्मा के 48, सूर्यकुमार यादव के 38 और हार्दिक पंड्या के 14 गेंद पर नाबाद 32 रन की बदौलत 20 ओवर में 8 विकेट पर 187 रन बनाए। जवाब मे आरसीबी ने भी बेहतरीन शुरुआत की। कोहली ने 45 और पार्थिव पटेल ने 31 रन बनाए। एबी डिविलियर्स ने 41 गेंद पर 70 रन बनाकर नाबाद रहे। वे मैच को टीम की तरफ करने में कामयाब रहे थे, लेकिन अंत सही नहीं हुआ। आखिरी गेंद पर आरसीबी को जीत के लिए 7 रन बनाने थे। गेंद मलिंगा के हाथों में थी और उन्होंने रन नहीं दिया। टीवी स्क्रीन पर साफ दिख रहा था कि मलिंगा का पैर क्रीज से बाहर चला गया था। हालांकि, अंपायर ने नो-बॉल नहीं दिया। कोहली को गुस्सा आ गया। उन्होंने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में अपना गुस्सा जाहिर किया।
कोहली पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के बाद अंपायर के कमरे में चले गए। उन्होंने वहां अपनी भड़ास निकाली। अंपायर एस. रवि की नजर गेंद पर नहीं पड़ी थी। पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कोहली ने अंपायर को आंखें खुली रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा था, ‘‘यह बहुत गलत बात है। हम आईपीएल में खेल रहे हैं न कि क्लब का कोई मैच।’’ इसके बाद अंपायर के रूम में जाकर उन्हें अपशब्द कहे और नाराजगी जताते हुए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया। उन्होंने अंपायर से कहा, ‘‘अगर अंपायर की इस गलती पर अगर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है तो मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत मुझ पर जुर्माना भी लग जाता है तो मुझे भी इस बात की परवाह नहीं होगी। क्या यही तरीका है अंपायरिंग का?’’
अगर गेंद नो बॉल होती तो कोहली की टीम को फ्री हिट मिलता और स्ट्राइक पर खतरनाक बल्लेबाजी कर रहे एबी डिविलियर्स होते। वो बड़ा शॉट लगाकर मैच को टीम के पाले में कर सकते थे। फैसले से मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा भी नाराज नजर थे। उन्होंने कहा था कि जब वह मैदान से बाहर गए तब किसी ने बताया कि वह एक नो-बॉल थी। इस तरह के फैसले खेल के लिए अच्छे नहीं हैं। रोहित ने कहा कि इससे पिछले ओवर में भी बुमराह की एक गेंद वाइड नहीं थी, लेकिन अंपायर ने उसे करार दिया। करीबी मुकाबलों में इस तरह के फैसले भारी पड़ सकते हैं।