इस साल फरवरी में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में अनसोल्ड (नहीं बिकना) रहना चेतेश्वर पुजारा के लिए वरदान साबित हुआ है। एक ओर आईपीएल 2022 चल रहा था, दूसरी ओर चेतेश्वर पुजारा ससेक्स के लिए रनों का पहाड़ खड़ा करने में जुटे थे। उनके इस बेहद सफल काउंटी सीजन ने उन्हें जुलाई में बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के एकमात्र बचे पांचवें मैच के लिए भारतीय टेस्ट टीम में वापसी में मदद की।
चेतेश्वर पुजारा ने पेरिस से द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘अब अंत में आप कह सकते हैं कि अगर मुझे आईपीएल टीम ने चुना होता, तो मैं अभी नेट्स पर जाता और अभ्यास करता। इस बात की बड़ी संभावना थी कि मुझे कोई मैच खेलने को नहीं मिलता। मैच का अभ्यास और नेट्स में अभ्यास करना हमेशा अलग होता है। इसलिए जब काउंटी की बात हुई, तो मैंने सिर्फ हां कहा। मेरा काउंटी के लिए हां कहने का प्रमुख कारण यह था कि मुझे अपनी पुरानी लय वापस चाहिए थी।’ पुजारा इन दिनों पेरिस में छुट्टियां मना रहे हैं। चेतेश्वर पुजारा ने अप्रैल और मई में काउंटी चैंपियनशिप के पांच मुकाबलों में 120 की औसत से 720 (6, नाबाद 201, 109, 12, 203, 16, नाबाद 170 और 3 रन) रन बनाए।
इंग्लैंड जाने से पहले, चेतेश्वर पुजारा को मार्च में श्रीलंका के खिलाफ दो मैच की घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली थी। चयनकर्ताओं ने श्रेयस अय्यर जैसे युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके देने का फैसला किया था। श्रेयस अय्यर ने पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था।
हालांकि, जब रविवार यानी 22 मई 2022 को राष्ट्रीय वरिष्ठ चयन समिति दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 इंटरनेशनल और इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच के लिए टीम चुनने के लिए इकट्ठा हुई तो पुजारा का नाम शामिल किया गया। हालांकि, चयनकर्ताओं ने अन्य अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को नहीं चुना। अजिंक्य रहाणे ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल 2022 में शानदार शुरुआत की थी।
चेतेश्वर पुजारा ने बताया, ‘इसमें कोई संदेह नहीं था कि मैं पॉजिटिव था। जिस तरह से मेरा काउंटी सीजन चला, मुझे उम्मीद थी कि मैं भारतीय टीम में वापसी करूंगा। लेकिन जब मैं काउंटी क्रिकेट खेलने गया था तब मेरे दिमाग में भारतीय टीम में वापसी जरा भी नहीं थी। मैं बस अपनी लय खोजना चाहता था। मुझे पता था कि एक बड़ी पारी से मुझे अपनी लय वापस पाने में मदद मिलेगी।’
पुजारा ने कहा कि अपने काउंटी सीजन के दौरान वह न केवल शतकों की तलाश में थे, बल्कि अपना ध्यान वापस पाने के लिए 150 से अधिक का स्कोर बनाने की कोशिश कर रहे थे। पुजारा ने अपनी 7 पारियों में से 3 बार ऐसा किया भी। इसमें वह दो बार नाबाद भी रहे।
चेतेश्वर पुजारा ने बताया, ‘मैं बस अपना पुराना रूप खोजने की कोशिश कर रहा था। अगर आप अतीत में मेरी पारी को देखें, तो मुझे 80, 90 रन मिल रहे थे, इसलिए मुझे कभी नहीं लगा कि मैं आउट ऑफ फॉर्म था। मैं बस बड़े रन बनाने की उम्मीद कर रहा था। बड़े रन का मतलब 100 नहीं, बल्कि 150 से अधिक का स्कोर है। क्योंकि सामान्य एकाग्रता स्तर पर वापस आने के लिए, मुझे उन बड़े अंकों की आवश्यकता थी। मैंने इसे इंग्लैंड में पाया। मैंने अपनी लय पाई और जैसे-जैसे मैंने रन बनाए, चीजें ठीक होने लगीं।’
चेतेश्वर पुजारा को मध्यक्रम में घंटों बल्लेबाजी करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि उस मोड में आने से उन्हें फिर पता चल गया कि उनकी फिटनेस का स्तर कहां है। पुजारा ने कहा, ‘एक बार जब मैं लंबे समय तक बल्लेबाजी करता हूं, तो यह न केवल एकाग्रता में सुधार करता है, बल्कि यह फिटनेस में भी सुधार करता है। काउंटी सीजन ने मुझे यह देखने में मदद की कि मेरी फिटनेस कहां है। अगर किसी के पास उचित फिटनेस नहीं है तो कोई बड़ी पारियां नहीं खेल सकता है। तो सब कुछ ठीक हो गया।’