भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने साफ किया कि यदि वह चयनसमिति के अध्यक्ष होते तो वह विराट कोहली को तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया का कप्तान बना देते। साथ ही महेंद्र सिंह धोनी को अपने खेल का आनंद लेने के लिये छोड़ देते। शास्त्री से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि कोहली तीनों प्रारूपों में अगुवाई करने के लिये तैयार है, उन्होंने इंडिया टुडे चैनल से कहा, ”यदि मैं चयनसमिति का अध्यक्ष होता, तो मैं पक्का इस पर विचार करता। अब इस पर विचार करने का समय आ गया है। आप देख सकते हो कि भारत को 2019 विश्व कप तक किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेना है। यह आपके पास विचार करने और उसी तरह से टीम गठित करने का सर्वश्रेष्ठ समय है।”
शास्त्री का यह भी मानना है कि धोनी एक खिलाड़ी के रूप में अब भी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, ”धोनी अब भी खिलाड़ी के रूप में बहुत योगदान दे सकते हैं। अब समय आ गया है जब उन्हें अपने खेल का लुत्फ उठाने का समय देना चाहिए। यह इस पर भी निर्भर करता है कि धोनी में कितना जुनून है। यह भले ही मुश्किल स्थिति है लेकिन आपको कड़े फैसले करने पड़ते हैं।” शास्त्री ने कहा कि इस संदर्भ में आस्ट्रेलिया से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ ‘मार्क टेलर बेहतरीन कप्तान थे लेकिन उन्होंने स्टीव वॉ को तैयार करना शुरू कर दिया जब आप यह सोचने लगे कि वॉ ने मजबूती से पांव जमा लिए हैं तो रिकी पोंटिंग और फिर माइकल क्लार्क तैयार कर दिए गए और अब स्टीव स्मिथ है।”
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कोचिंग के सवाल शास्त्री ने कहा कि उन्होंने कभी भी टीम इंडिया का कोच बनने से इनकार नहीं किया और वो इसके लिए तैयार भी हैं। उन्होंने कहा, ”कोचिंग पूरी तरह से कम्यूनिकेशन और मैन-मैनेजमेंट का सब्जेक्ट है। अगर कोई शख्स मुझ से कम्यूनिकेट नहीं करता तो इसका मतलब यह हुआ कि मैं अपना काम नहीं कर पा रहा हूं। मैं सामने वाले को समझने की कोशिश करता हूं और हर शख्स से अलग तरीके से पेश आता हूं।”
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