इंग्लैंड ने स्प्लिट कोचिंग को अपनाया है। इसमें ब्रेंडन मैकुलम रेड बॉल के कोच के रूप में काम कर रहे हैं, जबकि मैथ्यू मॉट व्हाइट बॉल क्रिकेट में कोच हैं। दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान में भी सीमित ओवरों और लाल गेंद क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच हैं। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ का बतौर भारतीय टीम के हेड कोच कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने ने मुख्य कोच पद के लिए आवेदन जारी किए हैं, जिसकी अंतिम तिथि 27 मई निर्धारित की गई है। भारत के पूर्व ओपनर बल्लेबाज और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR)के मेंटर गौतम गंभीर और न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)के कोच रेस में हैं। ऑस्ट्रेलियाई रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर और जिम्बाब्वे के एंडी फ्लावर जैसे प्रतिष्ठित विदेशी कोच ने खुद को बाहर कर दिया है।

इस बीच इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर ग्रीम स्वान ने बड़ा बयान दिया है। उनका मानना है कि इंग्लैंड की तरह भारत जैसी टीम को सीमित ओवरों और टेस्ट प्रारूप के लिए दो अलग-अलग कोच की जरूरत नहीं है। लेजेंड्स इंटरकॉन्टिनेंटल टी-20 लीग की घोषणा के दौरान उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि भारत के खिलाड़ी दुनिया भर की टी20 लीग में नहीं खेलते।

आपको स्प्लिट कोच की आवश्यकता नहीं

स्वान ने कहा, ” भारत जैसे देश में आईपीएल के कारण खिलाड़ी अन्य लीग नहीं खेलते हैं, लोग पूरे वर्ष भारत में ही रहते हैं। आपको स्प्लिट कोच की आवश्यकता नहीं है। इंग्लैंड में तीन टीमें हैं जो दुनिया भर में जाती हैं क्योंकि हमारे यहां गर्मी अलग समय पर होती हैं। यही एक मुख्य कारण है कि इंग्लैंड में कोच अलग-अलग हैं। आपको भारत में इसकी जरूरत नहीं है। एक अच्छा कोच एक अच्छा कोच होता है, वह तीनों प्रारूपों के लिए सही होता है। यदि वह व्यक्ति व्हाइट बॉल क्रिकेट का विशेषज्ञ है और वह उपलब्ध है तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं।”

इंग्लैंड ने स्प्लिट कोचिंग को अपनाया

इंग्लैंड ने स्प्लिट कोचिंग को अपनाया है। इसमें ब्रेंडन मैकुलम रेड बॉल के कोच के रूप में काम कर रहे हैं, जबकि मैथ्यू मॉट व्हाइट बॉल क्रिकेट में कोच हैं। दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान में भी सीमित ओवरों और लाल गेंद क्रिकेट के लिए अलग-अलग कोच हैं। बीसीसीआई ने कोच के आवेदन में साफ-साफ कहा कि तीनों फॉर्मेट के लिए 3.5 साल का कार्यकाल होगा।