INDIA vs AUSTRALIA, INDORE TEST MATCH: यह स्वीकार्य नही है। उनके पास कई मैन ऑफ द मैच पुरस्कार हैं, लेकिन एक स्पिनर नो बॉल फेंकता है … मुझे लगता है कि पारस म्हाम्ब्रे को उसके साथ बैठना होगा और उसे पीछे से गेंदबाजी करनी होगी। भारत को इसकी (नोबॉल) कीमत चुकानी पड़ सकती है। ये शब्द इंदौर में तीसरे टेस्ट के पहले दिन रविंद्र जडेजा की विकेट लेने वाली डिलीवरी को नोबॉल घोषित किए जाने के बाद पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर के थे।
रविंद्र जडेजा ने पारी की शुरुआत में भारत को दूसरा ऑस्ट्रेलियाई विकेट दिलाने के प्रयास में मार्नस लाबुशेन को आउट किया था, लेकिन वह गेंद नोबॉल बताई गई। अब पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद सुनील गावस्कर की बातें सच होती दिख रही हैं, क्योंकि मार्नस लाबुशेन ने उस्मान ख्वाजा के साथ दूसरे विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। पहले दिन का खेल खत्म होने के समय ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 47 रन की बढ़त बना ली थी।
रविंद्र जडेजा ने चौथे ओवर की पहली गेंद पर मार्नस लाबुशेन का विकेट ले लिया था,लेकिन अंपायर ने उसे नोबॉल करार दिया। यह जडेजा की पारी की दूसरी नो बॉल थी। एक स्पिनर के इस तरह नोबॉल करने पर कॉमेंट्री कर रहे गावस्कर भड़क गए।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने मैथ्यू कुहनेमन (16 रन पर 5 विकेट) और नाथन लियोन (35 रन पर 3 विकेट) की धारदार गेंदबाजी की मदद भारत की पहली पारी 109 रन पर ढेर कर दी। एक खतरनाक ट्रैक (टर्न लेती पिच) पर जहां गेंद खतरनाक तरीके से घूम रही है और अक्सर नीची रहती है, वहां विराट कोहली (22) और शुभमन गिल (21) ठीक शुरुआत को आगे नहीं बढ़ा पाए।
ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। उसने दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर ट्रेविस हेड को एलबीडब्ल्यू कर दिया। ट्रेविस हेड की जगह मार्नस लाबुशेन बल्लेबाजी के लिए आए थे। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को भी विश्वास नहीं हुआ कि रविंद्र जडेजा ने नोबॉल की है। टीवी स्क्रीन पर वह भी अपना सिर हिलाते देखे गए।