खिलाड़ियों का खेल से संन्यास के बाद राजनीति में आना नई बात नहीं है। हालांकि, एक्टिव प्लेयर्स के लिए दोनों मोर्चे संभालना आसान नहीं है। इसके बावजूद निशानेबाज श्रेयसी सिंह और क्रिकेटर मनोज तिवारी खेल और राजनीति दोनों मैदानों पर उम्दा पारी खेल रहे हैं। दोनों ही सक्रिय खिलाड़ी और जन प्रतिनिधि भी हैं। वे आगामी टूर्नामेंट्स की तैयारी के साथ-साथ अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों भी निभा रहे हैं।
बिहार के जमुई विधानसभा क्षेत्र से चुनी गईं श्रेयसी को मार्च 2022 में साइप्रस के निकोसिया और पेरू के लीमा में दो आईएसएसएफ शॉटगन विश्व कप खेलने हैं। वहीं, मनोज तिवारी को गुरुवार से बंगाल के लिए रणजी क्रिकेट खेलना है और वह बायो बबल में हैं। महिला डबल ट्रैप निशानेबाजी में इस समय दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता श्रेयसी ने कहा, ‘यह कई बार काफी थकाऊ हो जाता है। टूर्नामेंट्स की तैयारी और लोगों के लिए काम करना।’
पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री और हावड़ा की शिवपुर विधानसभा सीट से चुने गए मनोज तिवारी ने बॉयो-बबल में प्रवेश करते ही राजनीतिक सचिव से अपने क्षेत्र से जुड़ी सारी फाइलें मंगवा लीं। उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी के लिए पांच दिन का कड़ा क्वारंटीन रखा है। इस पर मैंने बॉयो-बबल में प्रवेश से पहले ही सारी जरूरी फाइलें होटल में ही मंगवा लीं।’ उन्होंने कहा, ‘पांच दिन में सारी फाइलें पढ़ लूंगा और बतौर विधायक काम से जुड़े सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दूंगा।’
रणजी ट्रॉफी के कारण मनोज तिवारी एक महीने तक क्षेत्र में उपलब्ध नहीं रहेंगे। ऐसे में क्षेत्र में काम कैसे होगा, इस सवाल पर मनोज तिवारी ने कहा, ‘सभी स्थानीय नेताओं, वार्ड पार्षदों को जानकारी है कि कैसे क्या करना है। मैंने कानून और व्यवस्था या स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति होने पर सभी मंजूरियां दे दी हैं। वैसे भी दिन का खेल समाप्त होने के बाद मैं उपलब्ध हूं।’
श्रेयसी सिंह के लिए निशानेबाजी और राजनीति में संतुलन बनाने में सबसे बड़ी मुश्किल बिहार में शॉटगन रेंज का नहीं होना है। वह विश्व कप में अपने वर्ग में नंबर एक निशानेबाज के तौर पर उतरेंगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हर बात कभी पहली बार होती है। पहली बार बिहार से कोई विधायक दुनिया की नंबर एक ट्रैप निशानेबाज है, जो आगामी विश्व कप में भारत के लिए खेलेगी। प्यार और सहयोग के लिए सभी को शुक्रिया।’
बता दें कि पूर्व वर्ल्ड चैंपियन मुक्केबाज मैनी पैकियाओ और शतरंज के धुरंधर गैरी कास्पोरोव भी राजनीति में उतरे थे, लेकिन दोनों काम साथ में करने में उतनी कामयाबी हासिल नहीं कर पाए। राज्यसभा सांसद और स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकाम भी सक्रिय खिलाड़ी हैं, जबकि कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह भी पेशेवर मुक्केबाज हैं।