भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा एशिया कप 2023 के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे हैं और उनकी कोशिश होगी कि वह अपनी टीम को आठवीं बार इस टूर्नामेंट में चैंपियन बनाएं। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2018 में एशिया कप का खिताब जीता था। एशिया कप के बाद टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप 2023 में हिस्सा लेगी और भारत में खेले जाने वाले इस इवेंट में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ही होंगे।
रोहित शर्मा के पास इस बार अपनी टीम को तीसरी बार वनडे वर्ल्ड चैंपियन बनने का अच्छा मौका है क्योंकि इस टूर्नामेंट को भारतीय धरती पर खेला जाएगा। इस बार सबकी निगाहें रोहित शर्मा पर टिकी रहेगी और उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि क्या वो साल 2011 की तरह से भारतीय टीम को वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिला पाएंगे।
युवराज सिंह ने बढ़ाया था रोहित शर्मा का हौसला
साल 2011 वनडे वर्ल्ड कप की टीम में रोहित शर्मा का चयन नहीं किया गया था और इसे लेकर उन्होंने पीटीआई से बात की और बताया कि जब उनका इस टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम में चयन नहीं हुआ था तब वह बहुत ही ज्यादा निराश थे और उस वक्त भारतीय टीम का हिस्सा रहे युवराज सिंह ने उनका हौसला बढ़ाया था।
रोहित शर्मा ने कहा कि मैं काफी उदास था और अपने कमरे में बैठा हुआ था और नहीं जानता था कि आगे क्या करूं। मुझे याद है कि युवराज सिंह ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और डिनर के लिए ले गए। उन्होंने मुझे समझाया कि जब आप बाहर हो जाते हैं तो कैसा महसूस होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि आपके सामने आगे और कई साल हैं। जैसा कि हम विश्व कप में खेल रहे हैं तो आप अपने खेल पर और कड़ी मेहनत करो और फिर टीम में वापसी करो। मुझे पता है कि आप भारत के लिए भी और विश्व कप में भी खेलेंगे।
2019 वर्ल्ड कप में रोहित ने बनाए सबसे ज्यादा रन
रोहित शर्मा को उनकी मेहनत का फल मिला और उन्होंने भारत के लिए साल 2015 में पहला वनडे वर्ल्ड कप खेला। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस टूर्नामेंट में भारत के लिए 8 मैच खेले थे और 330 रन बनाकर भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहे थे।
इस वर्ल्ड कप में किए गए बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से उनके वनडे करियर में नया मोड़ आया और वह इस प्रारूप में भारत के मुख्य खिलाड़ी के रूप में स्थापित हुए। इसके बाद रोहित शर्मा ने वनडे वर्ल्ड कप 2019 में धाकड़ प्रदर्शन किया और इस सीजन में वह भारत के उप-कप्तान थे। उन्होंने इस सीजन में 5 शतक के साथ 648 रन बनाए थे और आईसीसी का गोल्डन बैट हासिल किया था। हालांकि इस सीजन में टीम इंडिया फाइनल तक नहीं पहुंच पाई थी।