ऋषभ पंत 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर ना सिर्फ ब्रिसबेन टेस्ट के हीरो बने, बल्कि उन्होंने एक बहुत बड़ी निजी उपलब्धि भी हासिल की। ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 1000 रनों का आंकड़ा छूने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को पीछे छोड़ा।
ऋषभ पंत ने 16वें टेस्ट की 27वीं पारी में 1000 रन पूरे किए। महेंद्र सिंह ने 20वें टेस्ट की 32वीं पारी में यह उपलब्धि अपने नाम की थी। धोनी ने अगस्त 2007 में इंग्लैंड के ओवल में खेले गए टेस्ट मैच में अपने 1000 रन पूरे किए थे। इस सूची में तीसरे नंबर पर दिग्गज भारतीय विकेटकीपर फारुख इंजीनियर हैं। फारुख इंजीनियर ने 36 पारियों में एक हजार टेस्ट रन का आंकड़ा छुआ था।
ओवरऑल बात करें तो सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डीकॉक के नाम है। क्विंटन डिकॉक ने महज 21 पारियों में ही यह उपलब्धि हासिल कर ली थी। इस मामले में भारत का कोई भी विकेटकीपर शीर्ष पांच में नहीं है।
ऋषभ पंत के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 50 शिकार (कैच और विकेटकीपिंग) करने का भी रिकॉर्ड है। उन्होंने 11 टेस्ट मैच की 22वीं पारी में विकेट के पीछे पचास शिकार पूरे कर लिए थे।
ऋषभ पंत ने ब्रिसबेन टेस्ट के पांचवें दिन भारत की दूसरी पारी के दौरान यह उपलब्धि अपने नाम की। वह दूसरी पारी में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे और अंत नाबाद रहे। उन्होंने पैट कमिंस की गेंद पर 2 रन रन लेकर अपना खाता खोला और यह रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया।
शुभमन गिल ने तोड़ा सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड: ब्रिसबेन टेस्ट में शुभमन गिल ने सुनील गावस्कर का एक रिकॉर्ड तोड़ा। वह शुभमन चौथी पारी में अर्धशतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय ओपनर बन गए। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और ओपनर सुनील गावस्कर का 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। शुभमन की उम्र 21 साल और 133 दिन है। गावस्कर ने 21 साल और 243 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी। सुनील गावस्कर ने 1970 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए टेस्ट मैच में अर्धशतक जड़ा था।