रवि शास्त्री ने विराट कोहली को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली पर निशाना साधा है। शास्त्री का कहना है कि विराट कोहली की वनडे कप्तानी के मुद्दे को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता था। कोहली ने अपनी बातें तो साफ-साफ बता दी हैं। अब बीसीसीआई अध्यक्ष को अपनी बातें रखनी चाहिएं। हालांकि, उन्होंने सीमित ओवर फॉर्मेट में रोहित शर्मा को कप्तान बनाए जाने का समर्थन किया।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस के eAdda में अतिथि थे। रवि शास्त्री ने कहा, ‘रोहित शर्मा अब टी20 के कप्तान बने। सीमित ओवर फॉर्मेट का उन्हें ही कप्तान होना चाहिए। जब विराट ने एक बार कह दिया कि वह टी20 में कप्तानी नहीं करेंगे तो उन्होंने रोहित के लिए रास्ते खोल दिए। उन्हें ही सीमित ओवर फॉर्मेट का कप्तान होना चाहिए।’
शास्त्री ने विराट कोहली को सर्वश्रेष्ठ कप्तान भी बताया। उन्होंने कहा, ‘बिना किसी शक के विराट कोहली को टेस्ट कप्तान होना चाहिए। आप देखिए उन्होंने क्या किया है। कोई भी कप्तान इस तरह के जुनून से टीम की कप्तानी नहीं करता है। मुझे विराट में काफी हद तक अपनी छवि नजर आती है।’
उन्होंने बातचीत में कोचिंग की अपनी टफ-लव स्टाइल का बचाव किया। वह रविचंद्रन अश्विन के हालिया बयान पर भी बोले, जिसमें भारतीय स्पिनर ने कहा था कि बुरे वक्त में किसी ने उनका साथ नहीं दिया। शास्त्री ने कहा कि वह कोई बटलर नहीं हैं, जो हर किसी के टोस्ट में मक्खन लगाते फिरें। अश्विन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया था कि साल 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी बजाय कुलदीप यादव को ज्यादा मौके मिले। तत्कालीन कोच शास्त्री ने कुलदीप को विदेश में नंबर-1 स्पिनर बताया।
शास्त्री ने कहा कि अगर उनकी बातों से अश्विन को बुरा लगता है तो वह खुश हैं। शास्त्री ने कहा, ‘अश्विन ने सिडनी में टेस्ट नहीं खेला। कुलदीप यादव ने अच्छी गेंदबाजी की। ऐसे में उचित था कि मैं कुलदीप यादव को मौका दूं। अगर मेरे किसी बयान से अश्विन को ठेस पहुंची या उन्हें बुरा लगा तो मैं इससे बहुत खुश हूं। मेरे बयान ने अश्विन को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। मेरा काम हर किसी के टोस्ट पर मक्खन लगाने का नहीं है। मेरा काम बिना किसी एजेंडे के तथ्यों को सामने रखना है।’
शास्त्री हितों के टकराव मुद्दे पर भी खुलकर बोले। उन्होंने कहा, ‘हितों का टकराव का नियम बकवास है। दूसरे देश का कोच, आईपीएल टीम में आ सकता है और कोच हो सकता है लेकिन आप अपने खिलाड़ियों को ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। मेरे जैसे किसी के लिए, जब मैं भारत का कोच हूं, तो कॉमेंट्री (आईपीएल) करने की अनुमति नहीं दी जा रही है, यह हितों का टकराव कैसा है?’
उन्होंने कहा, ‘मैं किसी टीम का चयनकर्ता नहीं हूं। मैं भारत के लिए खेलने के लिए चुने जाने से किसी को कैसे प्रभावित करने जा रहा हूं? फिर भी अगर वहां रिकी पोंटिंग जो दिल्ली कैपिटल्स के कोच हैं। वह अपने देश में टीवी पर कॉमेंट्री कर सकते हैं। उन खिलाड़ियों पर टिप्पणी कर सकते हैं जो दिल्ली कैपिटल्स में उनके साथ हैं।’
शास्त्री ने कहा, ‘भारत में ऐसे हितों के टकराव के नियम को कूड़े के डब्बे में फेंक दिया जाना चाहिए। हमें अपने क्रिकेटर्स को एक्सपोजर पाने और सिस्टम में लौटाने की जरूरत है। यदि आप हर जगह हितों के टकराव की बात करेंगे तो आप सचिन तेंदुलकर या राहुल द्रविड़ को कैसे लाएंगे। वे खेल में कैसे योगदान देंगे?’