रणजी ट्रॉफी 2025 के दूसरे राउंड में छत्तीसगढ़ के खिलाफ बारिश से प्रभावित दिन में 159 रन बनाने के बाद अजिंक्य रहाणे ने 2024-25 सीजन में ऑस्ट्रेलिया के भारत के टेस्ट दौरे से नजरअंदाज किए जाने को लेकर मलाल के बारे में बताया। 37 साल के रहाणे ने ज्यादा उम्र होने की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “उम्र से फर्क नहीं पड़ता। इंटेट मायने रखता है। लाल गेंद के लिए जुनून और मैदान पर की गई कड़ी मेहनत मायने रखता है। इसलिए मुझे इस पर पूरी तरह से यकीन नहीं है।”

37 साल के रहाणे ने अपना 42वां फर्स्ट क्लास शतक बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी माइक हसी का उदाहरण दिया, जिन्होंने 30 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने कहा, “ आप देखिए ऑस्ट्रेलिया में माइकल हसी ने 30 की उम्र में डेब्यू किया था। फिर भी उन्होंने रन बनाए। रेड बॉल क्रिकेट में अनुभव मायने रखता है। मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी।”

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल चमके थे रहाणे

2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत ने गाबा का घमंड तोड़कर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती थी। विराट कोहली की अनुपस्थिति में रहाणे ही कप्तान थे। वह 2023 में वेस्टइंडीज दौरे के बाद से भारतीय टीम से नजरअंदाज किए जा रहे हैं। रहाणे की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2023 (WTC Final 2023) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम में वापसी हुई थी। इस मैच में उन्होंने 89 और 46 के स्कोर के साथ वापसी के संकेत दिए, लेकिन उन्हें सिर्फ एक टेस्ट सीरीज और खेलने को मिला।

चयनकर्ताओं को क्या ध्यान रखना चाहिए

रहाणे ने फिर से उम्र के फैक्टर पर बात की। उन्होंने कहा, “34-35 के बाद खिलाड़ी बूढ़े हो जाते हैं। खिलाड़ी हमेशा अच्छा करने की कोशिश करते हैं। अगर कोई खिलाड़ी सच में रेड बॉल क्रिकेट खेलने का इच्छुक होता है तो हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है। मुझे लगता है कि चयनकर्ताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि वे आकर मैच देखते हैं। हर बार प्रदर्शन मायने नहीं रखता। कई बार इंटेंट और पैशन मायन और आप रेड बॉल से कैसे खेलते हैं मायने रखता है।”

इंडियन टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी

रहाणे ने चयनकर्ताओं की तरफ से संवाद की कमी पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि मेरे जैसे अनुभवी खिलाड़ी को और मौके मिलने चाहिए। और कोई बातचीत नहीं हुई। मैं सिर्फ उन चीजों पर फोकस कर सकता हूं, जिन्हें मैं कंट्रोल कर सकता हूं, जो मैं अभी कर रहा हूं। लेकिन जैसा कि मैंने कहा इंडियन टीम को ऑस्ट्रेलिया में मेरी जरूरत थी और मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार था।”

रोहित के शतक से रहाणे खुश

फिर रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों की वनडे सीरीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली के प्रदर्शन का उदाहरण दिया। रोहित दो मैचों में भारत टॉप स्कोरर रहे और प्लेयर ऑफ द मैच और सीरीज का अवॉर्ड जीता। कोहली ने लगातार दो बार शून्य पर आउट होने के बाद सिडनी में नाबाद 71 रन बनाए। रहाणे ने कहा, “जब आपके पास रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी हों, जिन्होंने भारत के लिए इतने सारे मैच जिताए हैं, खासकर व्हाइट बॉल क्रिकेट में, तो आपको टीम में उस अनुभव की जरूरत होती है। आप टीम में केवल नए खिलाड़ियों या युवाओं को नहीं रख सकते। युवा खिलाड़ी जरूरी हैं, लेकिन अगर आपके पास अनुभव है, तो टीम अच्छा करेगी। यह खासकर रेड बॉल क्रिकेट में होता है। रोहित को वह शतक बनाते देखकर मैं सच में बहुत खुश था।”

रहाणे ने आलोचकों पर निशाना साधा

सीजन से पहले अफवाहें उड़ रही थीं कि मुंबई की टीम में रहाणे की जगह पक्की नहीं है। ऐसे में शतक से वह खुश हुए। उन्होंने शनिवार को यह मुकाम हासिल करने के बाद अपने परिवार समर्पित किया। उन्होंने अपने कुछ आलोचकों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बहुत से अनचाहे लोग हैं। जब उन्हें खेल के बारे में पता नहीं होता तब भी वे ऐसे खिलाड़ी के बारे में बात करते हैं जो लगातार अच्छे एटीट्यूड और इंटेंसिटी के साथ खेल रहा है। मैं हमेशा मुंबई के लिए अच्छा करना चाहता हूं। उन्हें नहीं पता कि इसके लिए कितनी मेहनत लगती है? मेरे परिवार और बच्चों का सपोर्ट बहुत बड़ा रहा है। वे हमेशा मेरे साथ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘डैडी, आप यह कर सकते हैं।”

सरफराज खान को संदेश

बातचीत खत्म करने से पहले रहाणे ने अपने साथी सरफराज खान को एक संदेश दिया, जिन्हें भारतीय टीम के चयनकर्ता लगातार नजरअंदाज कर रहे थे, यहां तक ​​कि इंडिया ए गेम के लिए भी उन पर विचार नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा, “मैं उनसे बस यही कह सकता हूं कि ध्यान भटकाएं नहीं और फ्रस्ट्रेट न हों। यह कहना बहुत आसान है, लेकिन करना बहुत मुश्किल है। आप सिर्फ क्रिकेट खेलने पर फोकस कर सकते हैं और लगातार रन बना सकते हैं। वह ऐसा कर रहे हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर जब आप इस दौर से गुजरते हैं तो यह सच में चैलेंजिंग और मुश्किल होता है। ऐसे में उन चीजों पर फोकस करें जिन्हें कंट्रोल किया जा सकता है।”