भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा 5 सितंबर को 34 साल के हो गए। ओझा ने भारत के लिए 24 टेस्ट में 113 विकेट लिए थे। इस दौरान 5 बार पारी में 4 और 7 बार पारी में 5 विकेट लिए। ओझा ने 18 वनडे मुकाबलों में 21 विकेट झटके। वहीं, 6 टी20 में 10 विकेट अपने नाम किए। ओझा बांए हाथ के इस स्पिन गेंदबाज ने इसी साल संन्यास लिया था। उन्होंने 2009 में अपना पहला टेस्ट मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला था। सचिन तेंदुलकर ने उन्हें टेस्ट कैप दिया। ओझा के करियर का सबसे यादगार मुकाबला मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था। उस मैच में उन्होंने गेंद से नहीं बल्ले से टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।
2010 में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया टेस्ट मैच 1 विकेट से जीतने में सफल रही थी। भारतीय टीम को चौथी पारी में जीत के लिए 26 रन बनाने थे। वीवीएस लक्ष्मण एक छोर पर डटे हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर बल्लेबाज लगातार आउट हो रहे थे। 205 के स्कोर पर इशांत शर्मा लक्ष्मण के साथ 81 रन की साझेदारी करके पवेलियन लौट गए थे और जीत के लिए भारत को 11 रन और ऑस्ट्रेलिया को 1 विकेट की दरकार थी। इशांत के बाद ओझा बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर पहुंचे। मैच रोमांचक स्थिति में था। वे एक बार रनआउट होने से बचे। लक्ष्मण ने गुस्से में उन्हें डांटा था। दोनों ने मिलकर आखिरकार टीम को जीत दिला दी।
लक्ष्मण ने कई इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया कि उस मैच को जीतने में ओझा का बड़ा योगदान था। उनके बिन वह मैच नहीं जीता जा सकता था। ओझा के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने के बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। संयोग से ओझा को टेस्ट कैप देने वाले सचिन का विदाई मैच ही भारतीय स्पिनर के लिए करियर का आखिरी टेस्ट साबित हुआ। मुंबई में 14 नवंबर 2013 को शुरू हुए इस टेस्ट में प्रज्ञान की गेंदबाजी का कहर वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर बरपा था। मैच का रिजल्ट 3 दिन में ही रिजल्ट आ गया था। प्रज्ञान को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
प्रज्ञान ने पहली पारी में 40 रन देकर 5 विकेट लिए थे। दूसरी पारी में उन्होंने 49 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किया था। वह भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए 90 टेस्ट मैचों में छठा बेस्ट प्रदर्शन था। साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ किसी भारतीय का यह तीसरा बेस्ट प्रदर्शन था। ओझा ने अपना टी-20 करियर 2009 टी20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ शुरू किया था। पहले मैच में ओझा ने 21 रन देकर 4 विकेट लिए थे और उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। इसके बावजूद वो सिर्फ 6 टी20 ही खेल सके।