टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता के रूप में पूर्व भारतीय क्रिकेटर एमएसके प्रसाद का कार्यकाल विवादों से भरा रहा। पूर्व चयनकर्ता और उनकी समिति को आश्चर्यजनक फैसलों के लिए कई बार सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। एमएसके प्रसाद ने क्रिकेट.कॉम से बातचीत के दौरान बतौर चयनकर्ता अपने कार्यकाल के बारे में विस्तार से बात की।
46 साल के एमएसके प्रसाद ने खुलासा किया कि चयनकर्ताओं के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सभी भावनाओं और प्यार को किनारे रखते हुए कुछ कठोर फैसले लिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जब वह भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य के हित के लिए खेल के दिग्गजों के खिलाफ गए। चयन समिति के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के रिटायरमेंट (संन्यास) के मामले से निपटना था।
उन्होंने कहा, ‘बतौर चयनकर्ता अपनी कार्यकाल के दौरान आपको भारतीय क्रिकेट के भविष्य के हित में इस खेल के दिग्गजों के खिलाफ भी कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। सही उत्तराधिकारी की पहचान करना ही चयनकर्ता का सबसे महत्वपूर्ण काम है। आपको चयनकर्ता के रूप में निष्पक्ष होना होगा। कड़े फैसले लेते समय भावुक नहीं होना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘एमएस धोनी और सचिन तेंदुलकर जैसा अन्य कोई नहीं हो सकता, क्योंकि वे अलग खिलाड़ी हैं। उनके योगदान का कोई मूल्य नहीं है।’ एमएसके प्रसाद ने कहा, ‘चयन समिति का काम ही उत्तराधिकारी बनाना होता है। आपको वही करना होता है जिसे करने के लिए बुलाया गया है।’
आपको और आपकी समिति को भारतीय क्रिकेट टीम में योगदान के लिए पर्याप्त प्रशंसा और मान्यता नहीं मिली। पूर्व चयनकर्ता से जब इस बारे में सवाल किया गया तो एमएसके प्रसाद ने कहा, ‘हमारा काम पूरी दुनिया के सामने है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के सात बड़े खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे। इसके बाद वहां पहले से मौजूद इंडिया ए के युवा खिलाड़ियों को उनकी जगह शामिल किया गया और टीम ने जीत हासिल की। यह हमारी मेहनत की बड़ी उपलब्धि है।’
एमएसके प्रसाद ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि टीम इंडिया ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। उन्होंने कहा, ‘आपको इससे कितनी खुशी और संतुष्टि मिली है इसमें कोई दोराय नहीं। चयन के हिसाब से हमने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में जगह बना पाई उसमें हमने अपना छोटा सा योगदान दिया। यह टीम इसकी हकदार थी, क्योंकि टीम इंडिया पिछले चार साल से नंबर एक टेस्ट टीम है। मैं अब फाइनल मुकाबला देखने का इंतजार नहीं कर पा रहा हूं।’