भारतीय ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने इस बात का खुलासा किया है कि महेंद्र सिंह धोनी ने उनके डेब्यू टेस्ट के दौरान क्या कहा था। बिन्नी ने 2014 में इंग्लैंड दौरे पर अपना पहला टेस्ट खेला था। उन्होंने नॉटिंघम में खेले गए उस मुकाबले में 78 रन की पारी खेली थी। इससे भारत मैच बचाने में सफल रहा था। बिन्नी को धोनी ने 4-5 से घंटे तक बल्लेबाजी करने का आदेश दिया। इसे सुनकर वे हैरान हो गए थे। बिन्नी ने पहली पारी में 1 रन बनाए थे। उन्होंने दूसरी पारी में 8वें विकेट के लिए भुवनेश्वर कुमार के साथ 91 रनों की साझेदारी की थी। भुवनेश्वर ने नाबाद 63 रन बनाए थे।

बिन्नी ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, ‘‘माही भाई (धोनी) से टेस्ट कैप (281 नंबर) प्राप्त करना मेरे जीवन का सबसे विशेष दिन था। वह टेस्ट उस तरह नहीं गया जैसा हम चाहते थे। हम आखिरी दिन मुश्किल में थे। मैंने पहली पारी में 1 रन बनाए थे। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने से पहले मैं रात को सो नहीं पाया था। इस पर से माही भाई ने कहा कि तुम्हें टेस्ट मैच बचाने के लिए 4-5 घंटे तक बल्लेबाजी करनी होगी। मुझे यह विश्वास नहीं हुआ कि वो ऐसा कह रहे थे। क्योंकि मैं उस समय नर्वस था और अच्छे से कुछ सोच नहीं पा रहा था।’’

बिन्नी ने यह स्वीकार किया जब वे बल्लेबाजी के लिए उतरे थे तो वे नर्वस थे। मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा ने अर्धशतकीय पारी खेलकर टीम को मजबूत शुरुआत दी थी। विराट कोहली, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे और महेंद्र सिंह धोनी ने मिलकर सिर्फ 72 रन बनाए थे। टीम के 184 रन पर 6 विकेट गिर गए थे। इसके बाद बिन्नी ने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 65 रन की साझेदारी की थी। जडेजा ने 31 रन बनाए थे। भारत ने पहली पारी में 457 और दूसरी पारी में 9 विकेट पर 391 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 496 रन बनाए। उसे दूसरी पारी में खेलने का मौका नहीं मिला।

बिन्नी ने कहा, ‘‘मैं बल्लेबाजी के उतरता हूं तो अमूमन लेग-स्टंप से गार्ड लेता था, लेकिन उस दिन पता नहीं मैंने क्या सोचा और अंपायर से मिडिल स्टंप से गार्ड के लिए पूछ लिया। उसके बाद मुझे लगा कि मैंने सही से गार्ड नहीं लिया है। मैं बहुत नर्वस था। जब तक मैंने 10 रन नहीं बना लिए तब तक सही से नहीं जम पाया। इसके बाद मुझमें धीरे-धीरे आत्मविश्वास जागा और मैं रन बनाने लगा। मैंने लगभग दो घंटे तक बल्लेबाजी की थी। मैंने डोमेस्टिक स्तर पर 8-9 साल मैच को बचाने का काम किया था। मैं डेब्यू मैच में शतक लगाना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था।’’