एक नवोदित क्रिकेटर के लिए पढ़ाई और खेल के बीच सही संतुलन बनाना आसान नहीं होता है। यह देखा गया है कि कैसे खिलाड़ियों ने खेल के लिए अपना सब कुछ दिया और उन्हें पढ़ाई से समझौता करना पड़ा। खेल में भविष्य हमेशा अनिश्चित होता है और इसलिए खिलाड़ी देश के लिए खेलने के अपने सपनों के लिए एक बड़ा जोखिम उठाते हैं। सचिन तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू किया था और वे 12वीं तक ही पढ़ सके। वहीं, महेंद्र सिंह धोनी को डेब्यू करने में समय लगा तो उन्होंने बैचलर्स की पढ़ाई पूरी कर ली।
विराट कोहली: मौजूदा दौर में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बड़े सितारे विराट कोहली ने 12वीं तक की पढ़ाई की है। उन्होंने 2008 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। कोहली सिर्फ भारत के नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। उन्होंने दिल्ली के विशाल भारती पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है।
रोहित शर्मा: हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा सीमित ओवरों में दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज हैं। रोहित ने स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल और रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स में पढ़ाई की है। वे 12वीं पास हैं। उन्होंने 2007 में भारत के लिए पहला मैच खेला था।
अजिंक्य रहाणे: भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे टीम के सबसे शांत खिलाड़ियों में एक हैं। उन्होंने एसवी जोशी हाई स्कूल और रिजवी कॉलेज ऑफ आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स से पढ़ाई की है। रहाणे ने टीम इंडिया के लिए पहला मुकाबला 2011 में खेला था।
चेतेश्वर पुजारा: भारत के लिए 2010 में पहला मैच खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा टेस्ट क्रिकेट में नंबर-3 पर टीम इंडिया के मजबूत बल्लेबाज हैं। राजकोट से स्कूल शिक्षा हासिल करने वाले पुजारा ने अंडर-19 टीम में चयन के बाद भी पढ़ाई जारी रखी थी। उन्होंने जेके कुंडलिया कॉलेज से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में की डिग्री हासिल की।
रविचंद्रन अश्विन: भारत के सबसे सफलत स्पिनर्स में से एक अश्विन की पढ़ाई काफी अच्छी रही है। चेन्नई के एस एस एन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी में बीटेक की डिग्री ले रखी है।