भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टेस्ट में 100 विकेट, वनडे में 1544 रन बनाने के साथ 173 विकेट और टी20 में 28 विकेट लिए थे। पठान को एक समय भारत का अगला कपिल देव कहा जा रहा था। फिर अचानक वे टीम से बाहर हुए और फिर निरंतर नहीं खेल सके। पठान को इस बात का आज भी दुख है कि आखिरी वनडे और आखिरी टी20 में मैन ऑफ द मैच रहने के बावजूद उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया था। इस बारे में उन्होंने तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा।
इरफान पठान ने स्पोर्ट्स तक को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद गैरी कर्स्टन कोच बनकर आए थे। उसके बाद से चीजें बदलने लगीं। मैं उन्हें या किसी को दोष नहीं दे रहा हूं। हर कोच और कप्तान की अपनी सोच होती है। एक माहौल बनाया गया कि मेरी स्विंग खत्म हो गई। स्पीड और स्विंग को लेकर बात करते थे। मैं जब भी मैच खेलता था तो नई गेंद से शुरुआत करता था। अगर कोई ओपनर है तो उसे आप नंबर-7 पर बल्लेबाजी कराते हो तो उसके प्रदर्शन में बदलाव आएगा। कप्तान का रोल है कि उसको बैक करे और सपोर्ट करे। अगर आपने रोल बदला तो बैक करना चाहिए।’’
पठान ने कहा, ‘मैं जब ड्रॉप हुआ तब आखिरी वनडे में मैन ऑफ द मैच था। इसके अलावा आखिरी टी20 में भी मैन ऑफ द मैच रहा था। ऋद्धिमान साहा एक साल के बाद टीम में वापस आया था। ऋषभ पंत दो शतक लगाने के बाद बाहर था फिर अंदर आया। कई बार लड़कों को बैक किया जाता है तो कई बार नहीं। कुछ खिलाड़ी लकी होते हैं तो कुछ अनलकी। हम अनलकी वाली लिस्ट में थे। अगर इरफान पठान का स्विंग खत्म हो गया है तो टीम में इस माहौल को ठीक करनी थी।’’
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पूर्व भारतीय ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘एक बार श्रीलंका के खिलाफ मैंने और यूसुफ पठान ने मिलकर मैच जिताया था। मैंने जयसूर्या को आउट किया था। फिर बैटिंग में मैच जिताया था। अगर कोई दूसरा लड़का होता तो इस प्रदर्शन के बाद एक साल के लिए बाहर नहीं होता। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में 5 वनडे भारत ने खेले लेकिन मुझे एक भी मैच में मौका नहीं दिया गया। फिर मैंने कोच गैरी कर्स्टन से पूछा था कि मैं बेहतर के लिए क्या करूं। इस पर उन्होंने कहा था कि उनके हाथ में कुछ चीजें नहीं हैं।’’
पठान ने एक बार धोनी से भी इस बारे में बात की थी। उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान से बात की थी। पठान ने कहा, ‘‘मैंने एक बार धोनी से भी साल 2008 में पूछा था कि मैं और कैसे बेहतर करूं तो उन्होंने कहा कि कुछ भी गड़बड़ नहीं है और सब ठीक चल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि जितना हमें बैक किया जाना चाहिए था उतना नहीं किया। एक चयनकर्ता ने भी कहा था कि अन्य लड़कों की तरह इरफान पठान को बैक नहीं किया गया था।