इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और रणजी ट्रॉफी के एक पूर्व खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उन्हें मैच फिक्सिंग के लिए 40 लाख रुपये की पेशकश की गई थी। इस संबंध में बेंगलुरु पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। तमिलनाडु के रहने वाले राजगोपाल सतीश गृह राज्य के अलावा असम की ओर से प्रथम श्रेणी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।
राजगोपाल सतीश आईपीएल में प्रीति जिंटा के सह-मालिकाना हक वाली किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स), रोहित शर्मा की अगुआई वाली मुंबई इंडियंस और शाहरुख खान के सह-मालिकाना हक वाली कोलकाता नाइट राइडर्स के रोस्टर में रहे हैं। वह अस्वीकृत इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में भी खेले थे। हालांकि, माफी मांगने के बाद बीसीसीआई के टूर्नामेंट्स में उनकी आधिकारिक रूप से वापस हो गई थी।
41 साल के राजगोपाल सतीश अब तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में चेपॉक सुपर गिल्लीज के लिए खेलते हैं। माना जा रहा है कि सतीश को इसी टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी। सतीश ने पुलिस से संपर्क करने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के समक्ष भी यह मामला उठाया था।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भी मामले की जानकारी दे दी गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बीसीसीआई से जानकारी मिलने के बाद औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है। अधिकारी ने कहा, ‘एक विशेष टीम बनाई गई है। हमें संदेह है कि बनी आनंद नाम वाला आरोपी बेंगलुरु में है।’
चूंकि बीसीसीआई की एंटी करप्शन और सिक्योरिटी यूनिट (एसीएसयू) के पास जांच, तलाशी और जब्ती की शक्तियां नहीं हैं। ऐसे में वह मैच फिक्सिंग, स्पॉट फिक्सिंग या क्रिकेट में किसी अन्य प्रकार के भ्रष्टाचार से संबंधित किसी भी मामले में पुलिस पर निर्भर है।
अधिकारी ने बताया कि एसीएसयू में कार्यरत बी लोकेश ने बेंगलुरु के जयनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। इसके मुताबिक, तीन जनवरी को बनी आनंद नाम के शख्स ने सतीश से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और उसे 40 लाख रुपए देने का लालच देकर मैसेज किया। बनी आनंद ने सतीश को यह भी बताया कि दो खिलाड़ी पहले ही इस ऑफर के लिए राजी हो चुके हैं। सतीश ने कहा कि उन्होंने ऑफर के लिए ‘सॉरी’ कह दिया।
एसीएसयू प्रमुख शब्बीर खंडवावाला ने पुष्टि की कि मामला अब पुलिस के पास है। उन्होंने बताया, ‘खिलाड़ी ने हमसे और ICC से संपर्क किया। हमें सूचित किया कि किसी कथित सट्टेबाज ने उनसे इंस्टाग्राम पर संपर्क किया। हमने मामले की डिटेल्स लीं और अपने एसीयू अधिकारी को पुलिस में शिकायत दर्ज करने के लिए कहा। हम सिर्फ एक सूत्रधार हैं और अब पुलिस मामले की जांच करेगी।’