भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने अब तक 97 टेस्ट मैच, 80 वनड मैच और 14 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं। इशांत ने टेस्ट में 297 विकेट अपने नाम किए हैं। वनडे में उन्होंने 115 और टी20 में 8 विकेट झटके हैं। आईपीएल की बात करें तो 89 मैच में 71 विकेट लिए हैं। इशांत पहली बार 18 साल की उम्र में भारत के लिए खेले थे। उन्हें 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला था। इशांत को आज भी चयन से लेकर डेब्यू करने तक पल याद है। उन्होंने इसे एक इंटरव्यू में शेयर किया था।

इशांत ने स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर के यूट्यूब चैनल ‘ऑकट्री स्पोर्ट्स’ को दिए इंटरव्यू में इस बारे में बताया था। इशांत ने कहा था, ‘‘जब हम छोटे थे तो हमें कुछ पता नहीं चलता था। मैं और चीकू (विराट कोहली) एक साथ खेल रणजी ट्रॉफी में खेलते थे। जब मुझे पहली बार टीम इंडिया के लिए चुना गया था तो वह मेरा रूम पार्टनर था। हम सौराष्ट्र या कहीं और मैच खेल रहे थे। मैं गेंदबाजी करके थक गया था और सो गया। वो टीवी देख रहा था। अचानक वो मुझे लात मारने लगा और कहने लगा तेरा नाम आ गया। वो कह रहा था- उठ तेरा नाम आ गया। इस पर मैंने कहा कि सोने दे क्यों थका रहा था। फिर जब टीवी में देखा तब विश्वास हुआ कि मैं भी भारत के लिए खेल सकता हूं। ’’

इशांत ने डेब्यू के बारे में कहा, ‘‘जब मेरा डेब्यू हुआ था तो सामने वाली सीट पर पाजी (सचिन तेंदुलकर) बैठे थे। उनके साथ दादा (सौरव गांगुली) बैठे थे। दादा के साथ वीवीएस लक्ष्मण बैठे थे। लक्ष्मण के बगल में राहुल द्रविड़ और उनके साथ वीरेंद्र सहवाग बैठे थे। मैंने खुद से कहा कि ये कहां गरीब फंस गया। मैंने डेब्यू जहीर खान के जूते पहनकर किया था। मेरा और जहीर का पांव बराबर है। टीम में जाते ही मेरा किटबैग गायब हो गया था। फिर मैं सोचने लगा कि मैं खेलूंगा कैसे? मैंने बिना प्रैक्टिस किए सीधे मैच में खेला था। मुझे मैच में इस बात से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करने का दवाब था।’’

विराट कोहली ने इशांत को सुखबीर कहा था। इस पर इशांत ने कहा, ‘‘मैं हमेशा लंबे बाल रखता हूं। एक बार मैंने चश्मा लगा लिया था तो उसने मुझसे कहा कि सुखबीर लग रहा है तू। जब 17-18 साल का कोहली था तो मुझे विश्वास था कि वह भारत के लिए खेलेगा। अब तो उसने खुद को पूरी तरह से अलग बना लिया है। उसके लिए क्रिकेट ही सबकुछ है। मैंने उससे कई पूछा भी है 2011 वर्ल्ड कप के बाद गैरी कर्स्टन (तत्कालीन कोच) ने कौन सी घूंटी तुझे पिलाई थी जो इतना बदल गया है।’’