महेंद्र सिंह धोनी को विश्व क्रिकेट में कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम तीन बार आईपीएल जीत चुकी है। सीएसके इस बार चौथी बार खिताब अपने नाम करने उतरेगी। आमतौर पर मैदान पर शांत दिखने वाले धोनी आईपीएल के दौरान कुछ मौकों पर गुस्से में भी नजर आए हैं। चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व गेंदबाज मोहित शर्मा ने माही के गुस्से से जुड़ा एक रोचक किस्सा इंटरव्यू में शेयर किया था।

मोहित पिछले साल दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेले थे। उन्हें टीम ने इस साल नीलामी से पहले बाहर कर दिया था। उन्होंने ऑक्शन में अपना बेस प्राइस 50 लाख रुपए रखा था। उन्हें किसी ने नहीं खरीदा। उन्होंने आईपीएल में 86 मुकाबलों में 92 विकेट चटकाए हैं। मोहित ने पिछले साल दिल्ली कैपिटल्स को दिए एक इंटरव्यू में धोनी के गुस्से के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, ‘‘हैदराबाद के खिलाफ मैच चल रहा था। उस मैच में धोनी भाई का रिएक्शन देखने के बाद किसी की भी पतलून गिली हो सकती थी।’’

मोहित ने बताया, ‘‘दरअसल, ईश्वर ने पहला ओवर डाला और दूसरा ओवर किया आशु भाई ने (आशीष नेहरा)। मैं उस दौरान शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़ा था। धोनी मेरे बगल में ही थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि अगला ओवर तुम करना। इसी बीच आशु भाई ने एक विकेट ले लिया। सभी खिलाड़ी जश्न मनाने के लिए क्रीज के पास गए। उस समय धोनी ने ईश्वर से कह दिया कि तुम गेंद करना। मुझे इस बारे में नहीं पता था कि माही ने ईश्वर को गेंद करने के लिए कहा है। मैं गया और ईश्वर को कहा कि माही भाई ने मुझे गेंद करने के लिए कहा है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘माही भाई ने यह नहीं देखा कि गेंदबाजी के लिए कौन खड़ा है। जब मैं गेंदबाजी करने के लिए तैयार हुआ तो उन पर नजर गई। वे हाथ उठाकर पूछ रहे थे कि क्या कर रहा है। मैंने खुद से कहा कि अब क्या गलत कर दिया। बॉलिंग भी नहीं की है। चौके-छक्के भी नहीं लगे हैं फिर भी क्या हुआ। फिर उन्होंने ईश्वर को कहा कि तुम गेंद करो तो अंपायर ने मना कर दिया। इसके बाद माही भाई मुझे घूरकर देख रहे थे। फिर मुझे लगा कि कहीं कुछ गलत हो गया तो कुछ भी हो जाएगा। संयोग से मैंने पहली ही गेंद पर यूसुफ पठान को आउट कर दिया।’’

मोहित ने कहा, ‘‘उसके बाद भी माही भाई का गुस्सा शांत नहीं हुआ। मुझे और ईश्वर को बुलाया। हमदोनों को गालियां दीं और अच्छे से समझाया। हमसे कहा कि दोनों फास्ट बॉलर गंवार ही रहोगे। तुम्हारी बुद्धि घुटने से ऊपर नहीं आ सकती है। मैं पागल हूं कि तुम दोनों को समझदार मानता हूं। अगले दिन एक इवेंट पर मैंने उनसे इस बारे में बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि मैं ग्राउंड की बातें वहीं भूल चुका हूं।’’