रोहित शर्मा के बाद मुंबई इंडियंस (MI) की कप्तानी संभालने वाले हार्दिक पंड्या लगातार ट्रोल हो रहे हैं। उनके समर्थन में राजस्थान रॉयल्स (RR) और भारतीय टीम के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन सामने आए हैं। मुंबई इंडियंस के पिछले दो मैच गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ अहमदाबाद में और फिर सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ हैदराबाद के दौरान हार्दिक प्रशंसकों के निशाने पर रहे हैं।

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर पंड्या का बचाव किया, जब एक यूजर ने पूछा, “क्या मुंबई इंडियंस के लिए यह बयान जारी करने का समय आ गया है कि यह एक खराब ट्रांसफर था?” अश्विन ने उत्तर दिया, “किसी की भी कोई भूमिका नहीं है। इसमें न तो फ्रेंचाइजी और न ही खिलाड़ी की कोई भूमिका है। मुझे लगता है कि जिम्मेदारी और दायित्व प्रशंसकों पर है।”

अहमदाबाज और हैदराबाद में फैंस के निशाने पर हार्दिक पंड्या

गुजरात टाइटंस से मुंबई इंडियंस में जाने के बाद हार्दिक पंड्या को अहमदाबाद में मैच के दौरान फैसे के गुस्से का सामना करना पड़ा। यह गुस्सा जाहिर तौर पर गुजरात की विश्वासघात की भावना के कारण था। अगला मैच हैदराबाद में था और यह सिलसिला बंद नहीं हुआ। इस सोमवार को वह घरेलू मैदान पर अपना पहला मैच खेलेंगे। यह देखना बाकी है कि क्या वानखेड़े में भी उन्हें अहमदाबाद और हैदराबाद की तरह दिक्कत का सामने करना पड़ता है।

अश्विन ने क्या कहा?

अश्विन ने कहा, ” क्या आपने किसी अन्य देश में ऐसा होते देखा है? क्या आपने जो रूट और जैक क्रॉली के प्रशंसकों को लड़ते देखा है? या क्या आपने जो रूट और जोस बटलर के प्रशंसकों को लड़ते देखा है? यह पागलपन है। क्या आपने ऑस्ट्रेलिया में स्टीव स्मिथ और पैट कमिंस के प्रशंसकों को लड़ते देखा है? मैंने यह कई बार कहा है। यह क्रिकेट है। यह सिनेमा कल्चर है। मैं जानता हूं कि मार्केटिंग, पोजिशनिंग और ब्रांडिंग जैसी चीजें हैं। मैं इससे इन्कार नहीं करता। मैं इन सब पर विश्वास नहीं करता, लेकिन इसमें लिप्त होना गलत भी नहीं है।”

फैन वॉर ऐसा नहीं होना चाहिए

अश्विन ने कहा, ” फैन वॉर ऐसा नहीं होना चाहिए। याद रखना चाहिए कि ये खिलाड़ी किस देश का प्रतिनिधित्व करते हैं- हमारे देश का। तो फिर एक क्रिकेटर के बू करनेा का क्या औचित्य है? मैं नहीं जानता। यदि आप किसी खिलाड़ी को पसंद नहीं करते हैं और किसी खिलाड़ी को बू हैं, तो एक टीम को स्पष्टीकरण जारी करने के लिए क्यों आना चाहिए? हम ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ का उदाहरण दिया

इसके बाद अश्विन ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ का उदाहरण दिया, जो एक दूसरे की कप्तानी में खेले और बाद में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले। उन्होंने कहा, ” सचिन तेंदुलकर के नेतृत्व में सौरव गांगुली खेले और गांगुली की कप्तानी में तेंदुलकर। ये दोनों राहुल द्रविड़ की कप्तानी में खेल चुके हैं। ये तीनों अनिल कुंबले के नेतृत्व में खेले हैं और ये सभी धोनी के नेतृत्व में खेले हैं। जब वे धोनी में खेलते थे, तो ये खिलाड़ी क्रिकेट दिग्गज थे। धोनी भी विराट के नेतृत्व में खेले।”

हमें पहले खुद को सुधारना चाहिए

अश्विन ने कहा, ” आपको पता है समस्या क्या है? हम सभी अपने घरों में बैठने, बाहर देखने और कूड़ा उठाने के लिए किसी और का इंतजार करने के लिए खुश हैं। हम इसे स्वयं करने की जहमत नहीं उठाना चाहते। हमें पहले खुद को सुधारना चाहिए। यह रियल टाइम स्पोर्ट्स है। रियल टाइम स्पोर्ट्स में भावनाए उसी समय दिखती हैं। हम उससे आगे कैसे जाते हैं, उसका मुकाबला कैसे करते हैं और क्रिकेट खेलने के लिए संतुलन कैसे तलाशते हैं, यही सब कुछ उसी समय होता है। एक रियल टाइम स्पोर्ट्स की तुलना कभी भी सिनेमा से नहीं की जा सकती। हीरो और हीरो को पूजना ठीक हैं। मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। अपने पसंदीदा खिलाड़ी में जो आपको पसंद है उसका आनंद लें, लेकिन किसी अन्य खिलाड़ी को नीचा दिखाने की कीमत पर नहीं। यह एक ऐसी चीज है जिसे मैं हमारे देश की धरती से लुप्त होते देखना पसंद करूंगा”