आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ पिछले 11 साल से खेल रहे ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा इस वक्त चेन्नई सुपर किंग्स के उप कप्तान हैं। जडेजा 2012 में इस टीम के साथ जुड़े थे और तब से वो लगातार हर सीजन चेन्नई के लिए ही खेल रहे हैं। बीच में दो साल चेन्नई की टीम जब बैन हुई थी तो जडेजा गुजरात लायंस से खेले थे, लेकिन जैसे ही सीएसके की आईपीएल में वापसी हो गई तो जडेजा भी टीम में लौट आए। सीएसके फ्रेंचाइजी के साथ 11 साल पूरे करने वाले जडेजा ने टीम के माहौल के बारे में बात की है।
CSK में नहीं है कोई पक्षपात- जडेजा
रवींद्र जडेजा ने स्टार स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में बताया है कि चेन्नई की टीम में किसी भी खिलाड़ी के साथ सीनियर या जूनियर जैसा व्यवहार नहीं होता, इस टीम में सभी खिलाड़ी एक समान हैं और सभी के साथ एक जैसा ही व्यवहार किया जाता है। जडेजा ने कहा है, “सीएसके मैनेजमेंट और फ्रेंचाइजी मालिक ने कभी किसी खिलाड़ी पर प्रदर्शन का कोई दबाव नहीं डाला। मैं 11 साल से इस टीम में हूं और मैं आज भी उनका वहीं रवैया देखता हूं जो पहले था। जब आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हों तब भी वह आपको कभी भी कम महसूस नहीं होने देंगे। वहां सीनियर और जूनियर जैसी कोई बात नहीं है। यहां तक कि अंडर-19 के किसी भी युवा खिलाड़ी को अन्य सीनियर खिलाड़ियों की तरह ही सम्मान मिलता है। किसी भी खिलाड़ी के साथ कोई पक्षपात नहीं है।”
रवींद्र जडेजा ने आगे बताया कि सीएसके फ्रेंचाइजी अपने फैंस की भी कद्र करती है। जडेजा ने बताया कि जब वो राइजिंग पुणे सुपर जायंट्स के लिए खेल रहे थे तो उस वक्त सीएसके के 2 से 3 हजार फैंस पुणे में ठहरे थे। उन सभी के लिए खाने-पीने और रहने की व्यवस्था सीएसके की तरफ से की गई थी। साथ ही फ्रेंचाइजी की ओर से उन्हें जर्सी भी गिफ्ट की गई थी। जडेजा ने आगे कहा कि इस साल जब हम अपने होम ग्राउंड पर लौटे हैं तो खिलाड़ियों और फैंस में एक अलग ही उत्साह है। करीब 15-20 हजार फैंस हमे देखने आते हैं।