इंडियन प्रीमियर लीग 2022 में दो नई टीमें शामिल हुईं। गुजरात टाइटंस (GT) और लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG)। मेगा ऑक्शन से पहले दोनों फ्रेंचाइजियों को ड्राफ्ट से तीन खिलाड़ियों को चुनना था। लखनऊ ने केएल राहुल और मार्क्स स्टोइनिस को चुना। तीसरे नाम ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि तीसरा नाम अनकैप्ड खिलाड़ी था और आईपीएल में उसके पास केवल 23 मैच का अनुभव था, जिसमें उसने 24 विकेट लिए थे। यह खिलाड़ी रवि बिश्नोई थे। दाएं हाथ के इस लेग स्पिनर को आईपीएल 2022 में 14 खेलने का मौका उन्होंने 8.44 की इकॉनमी से 13 विकेट लिए।
रवि बिश्नोई ने लखनऊ सपर जायंट्स के पोडकास्ट पर अपनी क्रिकेट जर्नी को लेकर काफी राज खोले हैं। उन्होंने बताया कि पिता जी कि चेतावनी के बाद भी वह नहीं माने और 2018 के आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स का नेट गेंदबाज बनने के लिए बोर्ड परीक्षा छोड़ दी। रवि के पिता पेशे से सरकारी स्कूल के अध्यापक है। उन्होंने इस पोडकास्ट में यह भी बताया कि मास्टरसाहब को पढ़ाई की जगह क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए मनाना कितना कठिन था। उन्होंने यह भी बताया कि 2020 अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद से किसी को स्लेज नहीं किया।
12वीं कक्षा का बोर्ड नहीं दे पाए रवि बिश्नोई
रवि बिश्नोई ने 12वीं की परीक्षा छोड़ने को लेकर कहा, “मैं 12वीं कक्षा का बोर्ड नहीं दे पाया क्योंकि मैं राजस्थान रॉयल्स का नेट गेंदबाज था। मेरे पिता ने मुझे बुलाया और मुझे सख्ती से वापस आने के लिए कहा, लेकिन कोच ने मुझसे कहा कि मुझे यहां रहना होगा। फिर मैंने उस साल बोर्ड छोड़ने का फैसला किया, लेकिन अगले साल परीक्षा दिया।”
15 साल में पढ़ाई छोड़ने का फैसला
रवि बिश्नोई ने पढ़ाई छोड़कर क्रिकेट को प्राथमिकता देने को लेकर अपनी कठिनाई के बारे में बताया, “10 साल की उम्र में मैंने एक क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन की और जब मैं 15 साल का हुआ, तो मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया। मुझे क्रिकेट से समय नहीं मिल रहा था। माता-पिता को मनाना मुश्किल था। मेरे कोच ने मेरी प्रतिभा को देखकर पिता से क्रिकेट खेलने देने की बात कही।”
2020 अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद स्लेजिंग छोड़ी
2020 अंडर 19 वर्ल्ड कप में रवि बिश्नोई सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने फाइनल के बाद बांग्लादेश के क्रिकेटरों के साथ विवाद के पीछे की कहानी बताई। बांग्लादेश ने तीन विकेट से मैच जीतकर अपना पहला अंडर-19 विश्व कप खिताब जीता था। उन्होंने कहा, ” अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में वे हमारे बल्लेबाजों को काफी स्लेज कर रहे थे और उन्होंने सीमा पार की और जब हमारी बारी आई तो हमने भी जवाब दिया। जीत के बाद उन्होंने हद पार कर दी। उन्होंने हमारे पास आकर हमें चिढ़ाने लगे। इसके बाद गुस्से में मैंने कुछ ऐसी बातें भी कीं, जिसे लेकर मुझे अफसोस है। उस फाइनल के बाद, मैंने कभी किसी को स्लेज नहीं किया।” रवि बिश्नोई और आकाश सिंह टूर्नामेंट के दौरान रूममेट थे। दोनों को मैच के बादपांच डिमेरिट प्वाइंट मिले। रवि ने इसे लेकर कहा,” मेरी एकमात्र चिंता यह थी कि क्या मैं आईपीएल में खेल पाऊंगा या नहीं।”