भारत के सबसे स्टाइलिश क्रिकेटरों की बात करें तो शिखर धवन उनमें से एक हैं, और बतौर ओपनर वो कितने बेहतरीन हैं ये उन्होंने अपने अब तक के क्रिकेट करियर में साबित किया है। एक स्टाइल आइकन के रूप में खुद को स्थापित कर चुके शिखर धवन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने जीवन के जुड़ी एक बड़ी घटना का खुलासा किया और बताया कि किस तरह से उन्होंने बेहद कम उम्र में टैटू बनवाने की हिम्मत की थी और उसके बाद डर के मारे उन्होंने एचआईवी टेस्ट भी करवाया।
14-15 साल की उम्र में बनवाया था पहला टैटू
शिखर धवन ने टूडे ग्रुप को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपना पहला टैटू सिर्फ 14-15 साल की उम्र में तब बनवाया था जब वो घूमने के लिए मनाली गए थे। टैटू बनबाने के बाद वो इतना डर गए थे कि उन्होंने अपना एचआईवी टेस्ट तक करवा लिया और इस बात को अपने परिवार वालों से 3-4 महीनों तक छुपाया था। धवन ने बताया कि जब मैं लगभग 14-15 साल का था तब मैं मनाली गया था और अपने परिवार के सदस्यों को बताए बिना अपनी पीठ पर एक टैटू बनवाया था। मैंने इस बात को लगभग 3-4 महीने तक छुपाया, लेकिन जब मेरे पिताजी को ये बात पता लगी तो उन्होंने मुझे पीटा।
पिता ने की थी पिटाई
धवन ने आगे बताया कि टैटू बनवाने के बाद मैं डर गया था क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मेरे शरीर में कितनी सुई चुभोई गई थी। इसके बाद डर के मारे मैंने अपनी एचआईवी टेस्ट करवाया, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव रही थी (हंसते हुए)। धवन ने अपने शरीर पर बने टैटू का मतलब भी बताया और कहा कि मेरा पहला टैटू मेरी पीठ पर स्कॉर्पियो था क्योंकि उस वक्त मेरी सोच कुछ वैसी ही थी हालांकि बात में मैंने उस पर डिजाइन बनवा दिया।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने हाथ में भगवान शिव का टैटू भी बनवाया है और मैंने महाभारत के पात्र वीर अर्जुन का भी टैटू बनवाया है क्योंकि वो बहुत ही बेहतरीन तीरंदाज थे। वहीं धवन ने राजनीति में आने की बात पर कहा कि अगर मेरे भाग्य में इसमें आना लिखा होगा तो मैं जरूर आउंगा। शिखर धवन बेशक अभी टीम इंडिया के बाहर चल रहे हैं, लेकिन वो आईपीएल 2023 में पंजाब किंग्स की कप्तानी करते हुए नजर आएंगे।