आईपीएल 2023 में गुजरात टाइटंस के कोच आशीष नेहरा ने हाल ही में बताया था कि कैसे हार्दिक पांड्या को गुजरात का कप्तान बनाया गया था और किन वजहों से हार्दिक को कप्तानी के लिए चुना गया था। नेहरा के खुलासे के बाद अब हार्दिक पांड्या ने एक और खुलासा किया है। हार्दिक ने गुजरात टाइटंस के पॉडकास्ट शो में गौरव कपूर के सवालों का जवाब देते हुए बताया है कि उन्हें गुजरात टाइटंस की कप्तानी का ऑफर मिलने से पहले लखनऊ सुपर जायंट्स से भी टीम में शामिल किए जाने का फोन आया था और केएल राहुल से उनकी अच्छी दोस्ती की वजह से वह उस टीम में शामिल होना चाहते थे।
क्यों हार्दिक ने गुजरात को ही चुना?
हार्दिक पांड्या ने आगे बताया कि अगर गुजरात के कोच आशीष नेहरा ने उनसे कप्तानी को लेकर संपर्क नहीं किया होता तो चीजें अलग ही होती। हार्दिक ने कहा, “मुझे दूसरी फ्रेंचाइजी (लखनऊ सुपर जायंट्स) से भी फोन आया, जो आईपीएल में एक नई फ्रेंचाइजी थी। मुझे केएल राहुल की ही कप्तानी में खेलने का ऑफर मिला था। मेरे लिए केएल राहुल के अंडर खेलना बहुत महत्वपूर्ण था, मैं उस व्यक्ति के साथ खेलना चाहता था, जिससे मेरी अच्छी दोस्ती थी, लेकिन आशीष नेहरा के फोन ने उनके फैसले को बदल दिया।”
15 करोड़ रुपए में गुजरात से जुड़े थे हार्दिक
आपको बता दें कि लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस की टीमें पिछले साल ही आईपीएल में पहली बार आई थीं। गुजरात टाइटंस ने हार्दिक को 15 करोड़ रुपए में खरीदा था। वहीं लखनऊ ने केएल राहुल 17 करोड़ रुपए में अपने साथ जोड़ा था और टीम का कप्तान बनाया था। आईपीएल 2022 का सीजन दोनों ही टीमों के लिए शानदार रहा था। यह दोनों ही टीमें क्वालीफायर तक पहुंची थी, लेकिन चैंपियन का खिताब गुजरात ने जीत लिया था। इस साल भी गुजरात की टीम खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। हार्दिक पांड्या कप्तानी की भूमिका में लगातार चमक रहे हैं।
आशु पा के फोन ने मेरे फैसले को बदल दिया- हार्दिक
हार्दिक पांड्या ने आगे बताया है कि मैं लखनऊ की टीम के साथ इसलिए जुड़ना चाहता था, क्योंकि वहां मुझे एक ऐसे व्यक्ति के साथ खेलने का मौका मिलता, जिसे मैं अच्छे से जानता हूं, इसीलिए मैं उस टीम में जाने के लिए उत्सुक था, लेकिन तभी आशीष नेहरा के फोन ने मेरे फैसले को बदल दिया। हार्दिक ने बताया कि आशु पा ने उन्हें फोन करके कप्तान बनने की जानकारी दी थी। आशीष नेहरा ने कुछ दिन पहले यह बताया था कि उन्होंने टीम मैनेजमेंट से यह कह दिया था कि एक ऑलराउंडर ही टीम का कप्तान बनेगा। हार्दिक ने कहा कि अगर आशु पा नहीं होते तो मैं गुजरात की कप्तानी पर विचार ही नहीं करता, मैंने हमेशा महसूस किया है कि आशु पा ऐसे व्यक्ति हैं जो मुझे समझते हैं।