चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने 23 मई को चेन्नई के चेपक मैदान पर गुजरात टाइटंस के खिलाफ आईपीएल 2023 का पहला क्वालिफायर मैच खेला था, लेकिन इस मुकाबले के दौरान धोनी के द्वारा खेल भावना का सम्मान नहीं करने के लिए आईसीसी के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर ने उनकी आलोचना की।
गुजरात के खिलाफ पहले क्वालिफायर मुकाबले की दूसरी पारी के 16वें ओवर में एमएस धोनी की अंपायरों के साथ बहस हो गई थी। दरअसल चेन्नई के तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना कुछ मिनटों के लिए मैदान से बाहर थे और इसकी वजगह से मैदान पर लौटने के तुरंत बाद उन्हें अंपायरों ने गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दी। नियमों के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी जो 8 मिनट से अधिक समय के लिए मैदान से बाहर रहता है उसे गेंदबाजी करने के लिए मैदान पर आने के बाद उतना ही समय फील्ड पर बिताना होता है।
हालांकि एमएस धोनी, पथिराना के मैदान पर आने के 5 मिनट के बाद ही उन्हें आक्रमण पर वापस लाना चाहते थे और इसी बात को लेकर मैदान पर मौजूद अंपायरों के साथ उनकी बहस हो गई थी। इसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि वो समय को खाने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर ने खेल की भावना और मैदान पर मौजूद अंपायर्स के प्रति सम्मान की कमी दिखाने के लिए धोनी की आलोचना की।
माई खेल ने हार्पर को कोट करते हुए कहा कि निश्चित रूप से एमएस धोनी ने धोनी ने अपने पसंदीदा गेंदबाजी विकल्प को 16वां ओवर देने के लिए समय बर्बाद किया। धोनी के इस बर्ताव के बाद यही कहा जा सकता है कि उनमें खेल की भावना की कमी दिखी साथ ही साथ अंपायर के प्रति भी उनके सम्मान में कमी नजर आई। हालांकि धोनी के पास गेंदबाजी के लिए अन्य विकल्प थे और इससे बचा जा सकता था, लेकिन उन्होंने किसी अन्य गेंदबाज का इस्तेमाल करने की बात को नजरअंदाज कर दिया।
71 साल के हार्पर ने कहा कि कुछ लोग कानून से भी बड़े हो सकते हैं, लेकिन यह देखकर निराशा हुई कि लोग जीतने के लिए कुछ भी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह देखना निराशाजनक होता है कि कुछ लोग जीतने केलिए किस हद तक जाएंगे। आपको बता दें कि इन दिनों धोनी मैदान पर पहले की तरह से शांत नहीं दिखते हैं और खिलाड़ियों पर वो अपना गुस्सा निकालते हुए नजर आते रहते हैं। वहीं क्वालिफायर एक में सीएसके ने गुजरात को हरा दिया था और फाइनल में जगह बना ली थी। आईपीएल 2023 का फाइनल मुकाबला नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर 28 जून को खेला जाएगा।