भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभावों के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन को 15 अप्रैल तक टाल दिया है। पहले यह टूर्नामेंट 29 मार्च से शुरू होना था। बोर्ड के पास टूर्नामेंट को रद्द करने से बेहतर टालने का ही ऑप्शन था। अगर यह सीजन पूरी तरह रद्द कर दिया जाता है तो फ्रैंचाइजियों और ब्रॉडकास्टर को 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो जाएगा। साथ ही फ्रैंचाइजियों ने 600 लोगों को टूर्नामेंट के लिए नौकरी पर रखा है। उनकी नौकरी भी खतरे में आ जाएगी।
हमारे सहयोगी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक फ्रैंचाइजी के पदाधिकारी ने कहा, ‘‘व्यावसायिक दृष्टि से टीमों ने पूरी तरह नहीं खेलने या विदेशी खिलाड़ियों के बिना खेलने की जगह स्टेडियम के खाली स्टैंड में खेलना पसंद किया। हालांकि, मौजूदा माहौल में टूर्नामेंट को टाल देना सबसे अच्छा विकल्प था।’’ शनिवार यानी 14 मार्च को मुंबई में आठों फ्रेंचाइजी के अधिकारियों की बैठक होगी। वहां आगे के शेड्यूल को लेकर चर्चा हो सकती है।
Coronavirus: BCCI का बड़ा फैसला, 15 अप्रैल तक टला IPL 2020; पहले 29 मार्च से शुरू होना था टूर्नामेंट
बोर्ड के पदाधिकारी के मुताबिक, टूर्नामेंट रद्द होने से 3000 से 3500 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो सकता है। सभी फ्रैंचाइजियों को बोर्ड से प्रसारण रेवेन्यू के तौर पर 100 करोड़ रुपए मिलते हैं। साथ ही उन्हें सेंट्रल स्पॉन्सरशिप में शेयर भी मिलते हैं। फ्रैंचाइजियों को इन सबसे हाथ धोना पड़ेगा। उड़ानों और होटलों की लागत लगभग 50 करोड़ रुपए है। वे भी प्रभावित होंगे। आठों फ्रैंचाइजियां संयुक्त रूप से तकरीबन 600 लोगों को नौकरी पर रखती है। इनमें फ्रीलांस और पेरोल पर रखे गए दोनों तरह के लोग शामिल होते हैं। सबकी नौकरी जा सकती है।
IPL के 12 साल के इतिहास में दो बार टूर्नामेंट को दूसरे देशों में आयोजित करना पड़ा, लेकिन अब तक रद्द नहीं हुआ है। केंद्र सरकार के द्वारा विदेशी खिलाड़ियों के वीजा को लेकर जारी एडवायजरी के बाद फ्रैंचाइजियों की मुश्किलें बढ़ गई थीं। विदेशियों को 15 अप्रैल की शाम तक भारत आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें बिजनेस और डिप्लोमैटिक वीजा में कुछ छूट है। हालांकि, अभी तक यह भी साफ नहीं है कि क्या केंद्र सरकार 15 अप्रैल के बाद खिलाड़ियों को वीजा देने की अनुमित देगी या नहीं।