पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक ने भारत के दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर की सराहना करते हुए कहा कि सलामी बल्लेबाज की सरल और संक्षिप्त सलाह ने उनके करियर को पटरी पर ला दिया। इंजमाम ने कहा कि गावस्कर ने शॉर्ट-पिच डिलीवरी के खिलाफ समस्याओं को दूर करने में मदद की। पूर्व कप्तान ने कहा कि वह 1992 में ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप चैंपियन बनने के बाद इंग्लैंड के दौरे पर गए थे। वहां उन्हें शॉर्ट पिच गेंदों पर परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
इंजमाम ने कहा, ‘‘मैं 1992 के विश्व कप में जबरदस्त प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड गया था। यह मेरा इंग्लैंड का पहला दौरा था। मेरे पास कोई आइडिया नहीं था कि मुझे उन पिचों पर कैसे खेलना चाहिए। मैं एक खराब दौर से गुजर रहा था क्योंकि मैं शॉर्ट-पिच डिलीवरी नहीं खेल पा रहा था। उस इंग्लैंड दौरे के दौरान एक चैरिटी मैच में सुनील गावस्कर से मिला और उनकी मदद मांगी थी। मैंने उनसे पूछा कि सुनील भाई मुझे शॉर्ट पिच गेंदों को खेलने में समस्या आ रही है, मुझे क्या करना चाहिए?’’
पूर्व पाकिस्तान ने कहा, ‘‘उन्होंनें मुझे सिर्फ एक चीज करने के लिए कहा। बल्लेबाजी के दौरान बाउंसर और शॉर्ट पिच के बारे में मत सोचो। क्योंकि ऐसा सोचने के बाद आप जाल में फंस सकते हो। जब गेंदबाज गेंद फेंकेगा तो आप सीधे समझ जाओगे कि क्या करना है।’’ इंजमाम ने आगे कहा कि वे प्रैक्टिस करने गए और गावस्कर के सुझाव को अमल में लाया। इससे उन्हें फायदा हुआ। इसके बाद इंजमाम को कभी इन गेंदों पर मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा।
इंजमाम ने कहा, ‘‘नेट्स में रहते हुए मैंने उनके बताए तरीकों का अभ्यास करना शुरू किया। मैंने अपने दिमाग को मजबूत किया, अपने आप से कहा कि शॉर्ट पिच गेंदों के बारे में मत सोचो। बाद में मेरी कमजोरी दूर हो गई।’’ 50 साल के इंजमाम ने 120 टेस्ट में 8830 रन और 378 वनडे में 11739 रन बनाए। इंजमाम ने कहा कि काश मैं गावस्कर को खेलते हुए देखता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।