बीसीसीआइ के तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का अप्रैल, 2014 में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को लिखा गया पत्र भारत को इस महीने पाकिस्तान से खेलने की प्रतिबद्धता के लिए बाध्य करता है जिसके कारण यहां मौजूदा अधिकारी दुविधा में हैं। इस पत्र के अनुसार बीसीसीआइ ने दिसंबर 2015 में ‘यूएई या किसी आपसी सहमति के किसी स्थल’ पर पाकिस्तान से दो टैस्ट, पांच वनडे और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की प्रतिबद्धता जताई थी।
नौ अप्रैल को लिखे गए इस पत्र में बीसीसीआइ ने आइसीसी के कार्यकारी बोर्ड की आठ फरवरी, 2014 को हुई बैठक में ‘नए वित्तीय माडल और आइसीसी के संचालन ढांचे’ से संबंधित प्रस्ताव रखने के संदर्भ में यह प्रतिबद्धता जताई थी। आइसीसी के संचालन के नए ढांचे में श्रीनिवासन को वैश्विक संस्था के चेयरमैन के रूप में जगह देना भी शामिल था और इसके लिए पीसीबी सहित एशियाई देशों के समर्थन की जरूरत थी।
बीसीसीआइ के तत्कालीन सचिव संजय पटेल ने तब पीसीबी के तत्कालीन अध्यक्ष नजम सेठी को पत्र लिखकर कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय दौरे को लेकर पिछले कुछ हफ्तों में हमारी बैठक और चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बीसीसीआइ और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इस बात पर सहमत होते हैं कि भारत और पाकिस्तान की सीनियर पुरुष क्रिकेट टीमें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एक दूसरे से खेलेंगी।
बीसीसीआइ ने तब यह भी कहा था कि वह संभावित तारीखों की उपलब्धता के आधार पर नवंबर, 2014 में सीमित ओवरों के मैचों के लिए पाकिस्तान के संक्षिप्त दौरे के लिए भी हरसंभव प्रयास करेगा। इस प्रतिबद्धता ने फिलहाल बीसीसीआइ और नरेंद्र मोदी सरकार दोनों को दुविधा में डाला हुआ है। बीसीसीआइ अगर प्रतिबद्धता पूरी नहीं करता है तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) दोनों देशों के लिए बाध्यकारी होता है।
दूसरी तरफ भारत-पाक रिश्तों में खटास के कारण सरकार इस सीरीज को मंजूरी देने को लेकर दुविधा में है। सरकार का जरिया जानने के लिए बीसीसीआइ सचिव अनुराग ठाकुर ने विदेश सचिव एस जयशंकर को पत्र लिखा था। सरकार फैसला करने से पहले सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। अफगानिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए विदेशी मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज के अगले हफ्ते पाकिस्तान जाने की संभावना है और जहां तक द्विपक्षीय संबंधों का सवाल है तो इस दौरे से काफी उम्मीदें हैं।