भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा। दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में दूसरे नंबर पर काबिज मेलबर्न का मैदान भारतीय टीम के लिए उतना लकी नहीं रहा है। टीम इंडिया को यहां अब तक सिर्फ तीन मैचों में ही जीत मिली है। इनमें से दो जीत तो 39 साल पहले मिले थे। उसके बाद सिर्फ मैच को भारतीय टीम अपने नाम करने में कामयाब रही है।

रिकॉर्ड की बात करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 13 मैच इस मैदान पर खेले गए हैं। इनमें कंगारू टीम को 8 मैचों में सफलता मिली है। वहीं, भारत को सिर्फ तीन मैच में ही जीत मिली है। दोनों टीमों के बीच दो मैच यहां ड्रॉ रहे हैं। मेलबर्न में भारतीय टीम पहली बार ऑस्ट्रेलिया से 1948 में भिड़ी थी। उस मैच में भारत के कप्तान लाला अमरनाथ और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान डॉन ब्रैडमैन थे। कंगारू टीम ने उस मैच को 233 रनों से अपने नाम की थी। भारत यहां लगातार तीन मैच में हारने के बाद 1977 में पहली बार यहां 222 रन से जीता था। तब टीम इंडिया के कप्तान बिशन सिंह बेदी थे।

मेलबर्न में भारत को दूसरी जीत 1981 में मिली। तब कप्तान सुनील गावस्कर थे। भारत ने उस मैच को 59 रन से अपने नाम कर लिया था। इसके बाद टीम इंडिया को 5 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। दो मैच ड्रॉ रहे। कपिल देव की कप्तानी में 1985 में खेला गया मैच ड्रॉ रहा था। उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2014 में टीम ने मैच ड्रॉ कराया था। देश को यहां पिछली जीत विराट कोहली की कप्तानी में 2018 में मिली थी। तब भारत 137 रन से जीता था।

भारतीय टीम जब 26 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में उतरेगी तो उसे मैच में हर हाल में जीत चाहिए होगी। टीम इंडिया सीरीज में 0-1 से पीछे है। एडिलेड में खेले गए पहले मैच में हारने के बाद अगर भारतीय टीम मेलबर्न में हार गई तो सीरीज में वापसी मुश्किल हो जाएगी। विराट कोहली भी टीम के साथ नहीं होंगे। ऐसे में अजिंक्य रहाणे के ऊपर पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 36 रनों पर सिमटी टीम के आत्मविश्वास को जगाने की जिम्मेदारी होगी। मैच में जीत हासिल कर सीरीज बराबरी करने का दबाव भी होगा। रिकॉर्ड को देखकर ऐसा लग रहा है कि टीम की राह मुश्किल है, लेकिन रहाणे अपनी कप्तानी में सीरीज में पहली जीत दिलाना चाहेंगे।