आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 में 5 नवंबर को ईडन गार्डन में टूर्नामेंट की शीर्ष दो टीमों के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ एकतरफा जीत हासिल की। पांच नवंबर से पहले इस मुकाबले को ‘फाइनल से पहले फाइनल’ की संज्ञा दी जा रही थी। टीम इंडिया के लिए इसे असली परीक्षा बताया जा रहा था, लेकिन मेजबान टीम के लिए स्क्रिप्ट वही रही। साउथ अफ्रीका भारतीय आक्रमण के सामने बिल्कुल असहाय दिखा।
लीग चरण में भारत का अभी एक मैच खेल बाकी है, लेकिन लगातार 8 मैच जीतने के बाद उसका शीर्ष पर रहना तय है। हालांकि, मेन इन ब्ल्यू के हरफनमौला प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह-उल-हक ने टीम इंडिया को चेतावनी दी है। मिस्बाह-उल-हक को लगता है कि विश्व कप में भारत का असली खतरा अब सामने आने वाला है।
2003, 2015, 2019 और 2023 विश्व कप में है एक समानता
साल 2003, 2015, 2019 और मौजूदा विश्व कप 2023 में एक निश्चित समानता है। विश्व कप 2023 की तरह भारत ने 2003 के विश्व कप में भी लगातार 8 जीत हासिल की थीं। टीम इंडिया 2015 में लीग चरण में अजेय रही थी।
टीम इंडिया 2019 और 2023 दोनों में अंक तालिका में शीर्ष पर रही। फिर भी पिछले तीन विश्व कप संस्करणों में से किसी में भी भारत खिताब तक नहीं पहुंच पाया। नॉकआउट चरण में ही उसका अभियान खत्म हो गया।
विश्व कप 2003, 2015 और 2019 में नॉकआउट में बिखर गई थी टीम इंडिया
भारत को विश्व कप 2003 में फाइनल, जबकि 2015 और 2019 में सेमीफाइनल हार का सामना करना पड़ा था। जो चरण सबसे ज्यादा मायने रखता था वहां भारतीय टीम दबाव में बिखर गई और खिताब का मौका गंवा दिया।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की 243 रन की जीत के बाद मिस्बाह ने एस्पोर्ट्स से कहा कि सेमीफाइनल में पहुंचने वाली अन्य टीमों के लिए अब भी एक छोटा सा मौका बना हुआ है क्योंकि रन और फेवरिट (खिताब के दावेदार) टैग को देखते हुए भारत नॉकआउट में अधिक दबाव में होगा।
नॉकआउट में भारत पर रहेगा ज्यादा दबाव: मिस्बाह-उल-हक
मिस्बाह-उल-हक ने कहा, ‘एक बात पक्की है। हां, यह ग्रुप चरण है, ठीक है, लेकिन जब वे नॉकआउट चरण में जाते हैं, तो एक टीम जितना अच्छा खेलती रहती है और फेवरिट बन जाती है, दबाव उतना ही अधिक होता है और एक बार जब कोई टीम उन पर एक-दो ओवर दबाव डालती है तब वे बिखर सकते हैं। इसका मतलब है कि अन्य टीमों के लिए अब भी एक मौका है।’
