पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के लिए प्रस्तावित नए राजस्व वितरण मॉडल से नाखुश है। हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन नजम सेठी ने रायटर से कहा कि उन्हें इस बात से गुरेज नहीं है कि राजस्व में से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सबसे बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए।
नजम सेठी ने लंदन से रॉयटर्स को बताया, ‘हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आईसीसी को हमें बताना चाहिए कि ये आंकड़े कैसे निकाले गए। हम मौजूदा स्थिति से खुश नहीं हैं। जून आने दीजिए, जब तक ये विवरण हमें उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तब तक हम इसे मंजूरी नहीं देंगे।’ क्रिकेट की वैश्विक शासी निकाय आईसीसी ने 2024-27 चक्र के लिए संबंधित बोर्डों के साथ नया प्रस्तावित राजस्व मॉडल साझा किया है। प्रस्तावित मॉडल पर जून 2023 में आईसीसी की अगली बोर्ड बैठक में मतदान होगा।
बीसीसीआई को मिल सकते हैं 1900 करोड़ रुपए
ईएसपीएनक्रिकइंफो को लीक हुए आंकड़ों के अनुसार, अगले चार साल (2024-2027) के लिए आईसीसी के प्रस्तावित मॉडल के तहत बीसीसीआई को सालाना 60 करोड़ डॉलर (करीब 4932 करोड़ रुपए) के राजस्व का 38.50% (लगभग 1900 करोड़ रुपए) हिस्सा मिलेगा, जबकि पाकिस्तान, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा क्रमशः 5.75%, 6.89% और 6.25% रहेगा।
आईसीसी को यह राजस्व मुख्य रूप से मीडिया अधिकारों की बिक्री से हासिल होने वाला है। आईसीसी (ICC) अपने कुल राजस्व का 88.81 फीसदी 12 पूर्ण सदस्यों और शेष को अपने 96 एसोसिएट सदस्यों के बीच वितरित करेगा।
माइकल अथर्टन ने भी की आलोचना
उधर, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन ने भी आईसीसी के प्रस्तावित राजस्व मॉडल की आलोचना की है। अथर्टन ने हालांकि कहा कि अन्य सभी देशों के राजस्व में भी उछाल देखने को मिलेगा इसलिए सालाना बैठक में शायद ही कोई इस पर सवाल उठाए। अथर्टन ने ‘टाइम्स लंदन’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘प्रस्तावित वितरण मॉडल पर जून में अगली आईसीसी बैठक में चर्चा की जाएगी।’
अर्थटन ने लिखा है, ‘चूंकि हर देश को वर्तमान की तुलना में बड़ी राशि (धनराशि के लिहाज से) मिल रही है, इसलिए प्रस्तावों को चुनौती देने की इच्छा कम हो सकती है।’ दाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘जैसा कि आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अहसान मनि ने इस सप्ताह कहा था: पैसा वहां जा रहा है जहां इसकी सबसे कम जरूरत है।’
राजस्व वितरण के लिए जिस प्राथमिक सूत्र का पालन किया गया है उसके अनुसार जिस देश के पास अधिकतम प्रायोजन, टीवी प्रसारण अधिकारों से राजस्व है उसे फायदा होगा। भारत इस मामले में सबसे आगे हैं, क्योंकि स्टार (डिज्नी की एक शाखा) वैश्विक प्रतियोगिताओं के अधिकारों के लिए सर्वााधिक धनराशि लगाता है।
4 करोड़ 13 लाख 30 हजार डॉलर बनता है इंग्लैंड का हिस्सा
यदि आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति द्वारा प्रस्तावित मॉडल को जून में वार्षिक सम्मेलन में पारित किया जाता है तो BCCI को सालाना 23 करोड़ 10 लाख डॉलर मिलेंगे। इंग्लैंड 6.89% हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे अधिक राजस्व हासिल करने वाला देश होगा।
इंग्लैंड का हिस्सा चार करोड़ 13 लाख और 30 हजार डॉलर बनता है। ऑस्ट्रेलिया तीन करोड़ 75 लाख 30 हजार डॉलर के साथ इस सूची में तीसरे स्थान पर है। उसे 6.25 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।