भारतीय टीम को लीड्स में खेले गए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। इंग्लैंड की टीम ने सीरीज में 1-0 से पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी की और लीड्स टेस्ट में भारत को पारी और 76 रनों से हरा दिया।
भारत को लीड्स में 54 साल बाद टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा इस हार के साथ ही भारतीय टीम ने कई अनचाहे रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं।
भारत के नाम दर्ज हुए ये अनचाहे रिकॉर्ड
विराट कोहली की कप्तानी में भारत की ये दूसरी पारी की हार है। इससे पहले 2018 में इंग्लैंड ने ही भारत को लॉर्ड्स में पारी और 159 रनों से हराया था। वहीं टॉस जीतने के बाद विराट की कप्तानी में भी ये भारत की दूसरी हार है। इससे पहले 2020/2021 एडिलेड में भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से हराया था।
इसके अलावा एक और रिकॉर्ड की बात करें तो भारत ने दूसरी बार अपने चार विकेट गंवाने के बाद सबसे कम रन बनाए हैं। इससे पहले 2016/17 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुणे में भारत ने सिर्फ 41 रन बनाए थे।
भारत की टेस्ट मैच में ये 45वीं पारी से हार है। सबसे ज्यादा पारी की हार के मामले में इंग्लैंड 63 हार के बाद पहले स्थान पर है। वहीं भारत इस सूचि में चौथे स्थान पर है।
आपको बता दें लीड्स में भारतीय टीम की ये चौथी हार है। भारत ने लीड्स में कुल 7 मुकाबले खेले हैं जिसमें से भारत को चार बार हार झेलनी पड़ी है और दो बार जीत भी मिली है। इसके अलावा इस मैदान पर एक टेस्ट मैच ड्रॉ भी भारत ने खेला है। आखिरी बार 1967 में इस मैदान पर भारत हारा था। यानी आज 54 साल बाद भारत को हार का सामना करना पड़ा है।
गौरतलब है कि इस टेस्ट मैच में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 78 रनों पर सिमट गई। जवाब में इंग्लैंड ने 432 रन बनाते हुए 354 रनों की बढ़त हासिल की। तीसरे दिन दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने कुछ उम्मीदें जगाई थीं लेकिन चौथे दिन पहले सत्र में ही 8 विकेट गंवाकर भारत ने ये टेस्ट मैच भी गंवा दिया।
दूसरी पारी में भारतीय टीम 278 रनों पर सिमट गई। भारत की तरफ से पुजारा ने सर्वाधिक 91 रन बनाए और इसके अलावा रोहित शर्मा ने 59 और विराट कोहली ने 55 रनों की पारी खेली। लीड्स टेस्ट में भारत की हार के बाद सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई है। अभी सीरीज के दो और मुकाबले शेष हैं।