हैदराबाद में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम सिर्फ एक तेज गेंदबाज के साथ खेलने उतरी है। इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में मार्क वुड इकलौते तेज गेंदबाज हैं। बेन स्टोक्स हालांकि टीम का हिस्सा हैं, लेकिन वह गेंदबाजी नहीं करेंगे। स्टोक्स घुटने की सर्जरी से रिकवर हो रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है जब इंग्लैंड ने प्लेइंग इलेवन में सिर्फ एक तेज गेंदबाज को जगह दी है।
1888 में भी हुआ था ऐसा
इससे पहले इंग्लैंड ने 1888 में ओल्ड ट्रैफर्ड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐसा किया था। उस मैच में इंग्लैंड ने सिर्फ तीन गेंदबाज खिलाए थे जिसमें बॉबी पील और जॉनी ब्रिग्स स्पिनर्स थे और जॉर्ज लोहमैन इकलौते तेज गेंदबाज थे। उस मैच में Billy Barnes भी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे, लेकिन बीमार होने की वजह से उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी। उस मैच में स्पिनर्स की जोड़ी ने मिलकर 14 विकेट चटकाए थे।
मार्क वुड ने नहीं डाली नई गेंद से बॉलिंग तो…
इससे पहले 2015 में भी मार्क वुड ने टेस्ट मैच में नई गेंद के साथ शुरुआत की थी। 2015 एशेज सीरीज के दौरान ऐसा हुआ था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड ने प्लेइंग इलेवन में वुड और स्टुअर्ट ब्रॉड को खिलाया था, लेकिन उसके बाद से 52 पारियों में एकबार भी ऐसा नहीं हुआ। हैदराबाद टेस्ट में अगर मार्क वुड नई गेंद से शुरुआत नहीं करते हैं तो 1902 के बाद पहली बार ऐसा होगा जब इंग्लैंड की मेन्स टीम किसी टेस्ट मैच में पहली पारी की शुरुआत दो स्पिनर्स के साथ करेगी। 1902 में एडिलेड टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में लेन ब्रॉंड और कॉलिन बेलीथ ने नई गेंद से गेंदबाजी की थी।
13 साल बाद पुजारा-रहाणे और कोहली के बिना टीम इंडिया
हैदराबाद टेस्ट में ना सिर्फ इंग्लैंड ने ऐतिहासिक प्लेइंग इलेवन उतारी है बल्कि भारतीय टीम भी 13 साल के बाद एक अलग कॉम्बिनेशन के साथ उतरी है। दरअसल, 2011 के बाद टीम इंडिया पहली बार चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली के बिना टेस्ट मैच खेल रही है। 2011 में आखिरी बार ऐसा हुआ था जब वेस्टइंडीज के खिलाफ ईडन गार्डन्स में यह तीनों नहीं खेले थे। बात करें वर्तमान की तो पुजारा और रहाणे टीम का हिस्सा नहीं हैं जबकि कोहली ने शुरुआती दो टेस्ट मैच से ब्रेक लिया है।